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स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर करता राज्य : छत्तीसगढ़ में बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाओं ने रचा कीर्तिमान, प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हुई एक और बड़ी उपलब्धि, ईलेक्ट्रोफिजियोलॉजी उपचार में छत्तीसगढ़ के एसीआई को केरल के साथ मिला 5वां स्थान

प्रमोद मिश्रा

रायपुर 23 जनवरी 2022

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ ही छत्तीसगढ़ प्रतिदिन नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, इसी कड़ी में राजधानी रायपुर के पंडित जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज स्थित एसीआई (एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट) ने ईलेक्ट्रोफिजियोलॉजी उपचार में कुल 22 केस का उपचार कर 5वें स्थान पर पहुंचकर राष्ट्रीय स्तर पर नई उपलब्धि हासिल की है। गौरतलब है कि इस सूची में शीर्ष 3 चिकित्सालय जम्मू-कश्मीर से हैं, वहीं चौथे स्थान पर चंडीगढ़ एवं पांचवें स्थान पर छत्तीसगढ़ स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट और केरल के परियारम मेडिकल कॉलेज को जगह मिली है। हृदय रोग से संबंधित उपचार के मामलों में देश में यह स्थान प्राप्त करना छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है, राजधानी रायपुर स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2016 में ईलेक्ट्रोफिजियोलॉजी की स्टडी प्रारंभ हुई थी। इस सुविधा के प्रारंभ होने के बाद से अभी तक लगभग 70 मरीजों का उपचार किया जा चुका है।

 

किस प्रकार कार्य करता है ईलेक्ट्रोफिजियोलॉजी उपचार, मरीजों को कैसे मिलती हैं सुविधाएं?

ईलेक्ट्रोफिजियोलॉजी का तात्पर्य इलेक्ट्रो अर्थात बिजली/विद्युत और फिजियोलॉजी अर्थात हृदय की गतिविधि की स्टडी करना है। इस जटिल उपचार के लिए राजधानी स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है, इन सुविधाओं के साथ किस प्रकार मरीजों को लाभ मिलता है यह अत्यंत उपयोगी है। इस संस्थान से जुड़े चिकित्सकों ने बताया कि आम बोलचाल की भाषा में यदि हम ऐसा माना लें कि हृदय एक मोटर की भांति कार्य करता है तो उसके मूलतः दो कार्य होते हैं। पहला यह कि हृदय पंप करता है जिससे शरीर में रक्त का संचार हो और दूसरा उसके अंदर की संरचना (धमनियां) जोकि विद्युत प्रवाह कर हृदय को ठीक ढंग से चलाने का कार्य करती हैं, हृदय के अंदर स्थित इन धमनियां आदि में जब किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तब हृदय की धड़कन बहुत तेज है या बहुत धीमी हो जाती है। इसी समस्या के उपचार के लिए एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में सबसे पहले समस्या का पता लगाकर उसका नक्शा (मैपिंग या ईलेक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडी) बनाया जाता है फिर जाँघ की नस के रास्ते तार डालकर हृदय तक पहुँचकर समस्या का निदान किया जाता है।

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इस जटिल उपचार में अत्याधुनिक उपकरणों की सहायता से विगत वर्ष में एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट ने 22 मरीजों का उपचार कर नव कीर्तिमान स्थापित किया है। गौरतलब है कि इन उपचार के लिए एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में 3D EPS (ईलेक्ट्रोफिजियोलॉजी मैपिंग मशीन) का उपयोग किया जा रहा है, ईलेक्ट्रोफिजियोलॉजी में मैपिंग के लिए उपयोग होने वाली यह अत्याधुनिक मशीन कम ही जगह उपलब्ध है। रायपुर के अलावा जम्मू कश्मीर, लखनऊ (उ.प्र) में ही मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिल पाता है। देश की तीसरी अत्याधुनिक मशीन रायपुर स्थित एसीआई में उपलब्ध है, इस मशीन का उपयोग कर सामान्य हृदय गति समस्या के साथ ही उन जटिल समस्याओं का निदान भी एसीआई के चिकित्सकों द्वारा किया गया है जोकि देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही संभव हो पाता है।

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