छत्तीसगढ़ : पहाड़ी कोरवा महिला की मौत मामले में नया मोड़, परिवार वालों का आरोप : ‘महिला को भूखा रखा गया..इस कारण हुई मौत’, पूर्व गृहमंत्री के अनशन के बाद अस्तपाल सील

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प्रमोद मिश्रा

कोरबा, 13 फरवरी 2022

छत्तीसगढ़ के कोरबा में पहाड़ी कोरवा के मौत के मामले में अब राजनीति भी तेज हो गई है । पूर्व गृहमंत्री और रामपुर के मौजूदा विधायक ननकीराम कंवर के अनशन के बाद अस्पताल को सील किया गया । ननकीराम कंवर ने विधानसभा के बजट सत्र में भी इस मुद्दे को उठाने की बात की है । दरअसल, कोरबा में टूटे हाथ के इलाज के इंतजार में एक पहाड़ी कोरवा महिला की मौत हो गई। महिला इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल पहुंची थीं, लेकिन उसे वहां से गीता देवी मेमोरियल प्राइवेट अस्पताल भेज दिया गया। परिवार का आरोप है कि अस्पताल ने उसे तीन दिन तक भूखा रहा, जिससे उसकी मौत हो गई। महिला की मौत के बाद हंगामा हो गया। पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर अस्पताल के बाहर ही देर रात तक धरना देते रहे। इसके बाद प्रशासन ने अस्पताल को सील कर प्रबंधक पर FIR दर्ज करा दी। सरकारी अस्पताल के आरोपी डॉक्टरों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

 

 

 

लेमरू थाना क्षेत्र के सतरेंगा गांव निवासी सुख सिंह पहाड़ी कोरवा है। उसकी पत्नी सोनी बाई (50) के हाथ में फैक्चर था। उसे दिखाने के लिए बुधवार को वह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल पहुंचा। वहां दोपहर में ओपीडी बंद होने पर बाहर बैठकर इंतजार कर रहा था। बताया जा रहा है कि इसी दौरान शुभम नाम का एक युवक आया और उन्हें बेहतर इलाज का झांसा देकर गाड़ी से कोसाबाड़ी स्थित गीता देवी अस्पताल ले गया।

ऑपरेशन के लिए 3 दिन भूखा रखने का परिवार वालों ने लगाया आरोप

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गीतादेवी अस्पताल में डॉक्टरों ने चेकअप के बाद ऑपरेशन की बात कही और सोनी बाई को भर्ती कर लिया। आरोप है कि डॉक्टर तीन दिन तक ऑपरेशन के लिए टालते रहे। इसी बीच शुक्रवार देर रात करीब 1 बजे सोनी बाई ने दम तोड़ दिया। पति सुख सिंह का कहना है कि ऑपरेशन के लिए 3 दिन भूखा रखा गया। संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस ने तहसीलदार के सामने दोनों पक्षों को पूछताछ के लिए बुला लिया। अफसरों का कहना था कि रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी गई है।

परिवार वालों का आरोप : भूख से गई जान

एडमिट कराने वाले डॉक्टर और उसके साथियों पर भी FIR के निर्देश

कलेक्टर रानू साहू ने मामले में जांच के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कोरबा SDM हरिशंकर पैकरा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग माया वारियर और CMHO डॉ. बीबी बोर्डे की जांच टीम गठित की है। यह टीम 3 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। वहीं देर शाम कलेक्टर के निर्देश पर गीता देवी अस्पताल को सील कर दिया गया। देर रात प्रबंधक व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज डीन को जिला अस्पताल के अन्य डॉक्टरों को नोटिस देने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ पदस्थ हैं, इसके बावजूद आदिवासी महिला को रेफर किया गया। यह बहुत ही लापरवाही का मामला है। उन्होंने महिला को निजी अस्पताल में एडमिट कराने वाले स्वप्निल झा, शुभम और उनके अन्य साथियों पर भी FIR कराने के निर्देश डीन को दिए हैं।

 

कलेक्टर ने किया आदेश जारी 

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कलेक्टर रानू साहू ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी मरीज को जबरन सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में ले जाएगा, तो उसपर कार्रवाई की जा सकेगी । ऐसी शिकायतों और मरीजों की तत्काल समस्या के लिए 07759224608 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है । 

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