राजनीति के मैदान की खास खबर : टी एस सिंहदेव पिछले 10 दिनों से दिल्ली में, चरण दास महंत ने क्यो जताई राज्यसभा जाने की इच्छा?, दिल्ली में टी एस के रुकने के पीछे की क्या है वजह? पढ़ें

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 21 अप्रैल 2022

छत्तीसगढ़ की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले टी एस सिंहदेव और चरणदास महंत एक बार फिर से चर्चा में है । कांग्रेस के इन दो बड़े नेताओं की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य के साथ पंचायत विभाग का जिम्मा संभाल रहे मंत्री टी एस सिंहदेव पिछले 10 दिनों से दिल्ली में है । उनके इस दिल्ली दौरे को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं । कुछ लोगों का कहना है कि टी एस एक बार फिर से दिल्ली में कांग्रेस के आला नेताओं से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ में सीएम बनने की राह देख रहे हैं, तो वही भूपेश समर्थकों का कहना है कि अब कुछ होने वाला नहीं है । बघेल समर्थक मानते है कि टी एस लाख प्रयास करें, लेकिन भूपेश को अब बदला नहीं जाएगा ।

 

 

मीडिया24 न्यूज़ को मिले सूत्रों से जानकारी के मुताबिक टी एस पिछले 10 दिनों से दिल्ली में ही जमे हुए हैं । कांग्रेस के आला नेताओं के साथ टी एस की मुलाकात भी हो रही है, ऐसे में हो सकता है कि आने वाले दिनों में टी एस सिंहदेव को राष्ट्रीय महासचिव भी बनाया जा सकता है । सूत्र बताते हैं कि अब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलाव के आसार नहीं के बराबर है ।  ऐसे में संगठनात्मक रूप से मजबूत करने की जिम्मेदारी टी एस सिंहदेव को दी जा सकती है । सूत्रों का कहना है कि टी एस सिंहदेव की मुलाकात की कई राष्ट्रीय नेताओं से हुई है और हो सकता है कि आने वाले दिनों में यह ऐलान हो जाए कि अब टी एस सिंहदेव को राष्ट्रीय महासचिव बनाया जाएगा । अब इस बात का पता तब चलेगा जब टी एस दिल्ली से रायपुर आएँगे और मीडिया के सामने सवालों का जवाब देंगे, तब स्थिति और स्पष्ट हो पाएगी । आपको बताते चलें कि टी एस सिंहदेव पहले ही यह कह चुके हैं कि उन्हें छत्तीसगढ़ की राजनीति करनी है ऐसे में अब उनका क्या रुख रहेगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा?

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छत्तीसगढ़ कांग्रेस के एक और बड़े नेता की बात करते हैं जो इन दिनों सुर्खियों में हैं वह हैं छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत । चरणदास महंत ने राज्यसभा में जाने को अपने जीवन की अंतिम इच्छा बताई है ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी आलाकमान इस फैसले पर क्या निर्णय लेती है? मीडिया 24 न्यूज़ को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक राज्यसभा में जाने को लेकर स्थानीय नेताओ का कोई योगदान नहीं रहता है । यह फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करती है कि राज्यसभा किसे भेजना है । ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि चरणदास महंत की अंतिम इच्छा को पूरी की जाती है या नहीं?  राजनीति के जानकार बताते हैं कि चरणदास महंत अगर राज्यसभा जाते हैं तो उनके पुत्र सूरज महंत को राजनीति में एंट्री के लिए एक बेहतर अवसर मिल जाएगा और जब चरणदास महंत की यह विधानसभा सीट खाली होगी तो इस सीट से सूरज चरणदास महंत को चुनाव में टिकट मिलना तय है और जब by- इलेक्शन के चुनाव होते हैं तो ऐसे में सत्तारूढ़ पार्टी को इसका फायदा मिलता है । ऐसे में चरणदास महंत चाहते हैं कि सूरज महंत की एंट्री भी इसी सरकार में बतौर विधायक हो जाए और उनके लिए सक्ति क्षेत्र में बतौर विधायक एंट्री मिल जाए । अगर ऐसा होता है तो शायद यह देश की इतिहास में पहली बार होगा जब एक ही परिवार के तीन सदस्य लोकसभा से लेकर राज्यसभा और विधानसभा में बैठे रहेंगे । अब यह वक्त ही बताएगा कि चरणदास महंत पर पार्टी आलाकमान क्या फैसला लेती है । लेकिन एक बात तो तय है अगर चरणदास महंत राज्यसभा जाने में सफल हुए तो उनके बेटे सूरज महंत की राजनीतिक जमीन तैयार हो जाएगी और आसानी से वह इस राजनीति के मैदान पर बैटिंग कर पाएंगे ।

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राज्यसभा के चुनाव कब?

छत्तीसगढ़ में राज्यसभा के चुनाव जून माह के अंतिम सप्ताह में होने हैं । माना जा रहा है कि 28 या फिर 29 जून को चुनाव संपन्न होंगे ।

छत्तीसगढ़ से और कौन-कौन दावेदार?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा व राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और कपिल सिब्बल का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा प्रेमचंद जायसी का नाम भी दावेदारों की लिस्ट में है ।

जून में कांग्रेस की छाया वर्मा व बीजेपी के रामविचार नेताम का राज्यसभा में कार्यकाल पूरा हो रहा है। क्योंकि विधानसभा में कांग्रेस अच्छे बहुमत में है इसलिए दोनों सीटों पर कांग्रेस के नेताओं का राज्यसभा जाना तय है। लेकिन यहां लड़ाई स्थानीय बनाम केंद्रीय नेताओं की दिखाई दे रही है।

मई में बदले जाएंगे छत्तीसगढ़ के प्रभारी!

मीडिया24 न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक मई में पी एल पुनिया को छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभार से मुक्त किया जा सकता है । खबर है कि पी एल पुनिया को उत्तरप्रदेश का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा । ऐसे में छत्तीसगढ़ के प्रभार से उन्हें मुक्त किया जा सकता है ।

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