राज्यसभा उम्मीदवार पर कांग्रेस V/S बीजेपी : बीजेपी ने पूछा – कहां गया सीएम का छत्तीसगढ़िया वाद?, तो कांग्रेस बोली – “जनता ने बीजेपी को इस काबिल नहीं छोड़ा के राज्यसभा के बारे में सोचे”

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 30 मई 2022

छत्तीसगढ़ में कल ही कांग्रेस ने राज्यसभा की 2 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का नाम वह का ऐलान किया है । इन दोनों नामों में छत्तीसगढ़ का कोई भी चेहरा नहीं है । कांग्रेस ने राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन को अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है । अब राज्यसभा उम्मीदवार पर सियासी बवाल भी उठने लगा है । बीजेपी ने कांग्रेस से प्रश्न किया है कि अब सीएम का छत्तीसगढ़िया वाद कहा गया? कांग्रेस ने भी इस मामले पर बीजेपी पर कटाक्ष किया है । कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बयान जारी कहा है कि ऐसी बयानबाजी बीजेपी की ओछी मानसिकता को दर्शाता है । जनता ने बीजेपी को इस लायक नहीं छोड़ा की बीजेपी राज्यसभा के बारे में सोचे ।

 

 

 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा?

छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ की रिक्त दोनों राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर बाहरी उम्मीदवार तय किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया है कि वे यह बताएं कि अब उनका तथाकथित छत्तीसगढ़ियावाद कहां छुप गया है, कहां खो गया है और कांग्रेस आलाकमान के आगे नतमस्तक होते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ के हितों से समझौता क्यों किया है?

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की जनता की आंखों में धूल झोंकते हुए हर रोज दिन में 10 बार छत्तीसगढ़िया छत्तीसगढ़िया छत्तीसगढ़िया की रट लगाए रहते हैं। कभी भौरा चलाते हैं कभी पिट्टू खेलते हैं कभी कुछ और स्वांग करते हैं लेकिन जब छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की बात आती है तो भूपेश बघेल का स्वाभिमान 10 जनपद में गिरवी रख जाता है। यह कौन सा छत्तीसगढ़ियावाद है यह कौन सी छत्तीसगढ़ की संस्कृति है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति ने अंग्रेजों के सामने सर नहीं झुकाया और यह भूपेश बघेल हैं जो 10 जनपथ के आगे छत्तीसगढ़ का सिर हर रोज नवा देते हैं।

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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बताएं कि आखिर क्या वजह है कि उन्हें कृषि विश्वविद्यालय में तो छत्तीसगढ़िया कुलपति चाहिए होता है लेकिन छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ का राज्यसभा सांसद नहीं चाहिए होता है। पिछली बार तुलसी को कांग्रेस के राष्ट्रीय दामाद के लिए वकालतनामा की फीस के तौर पर राज्यसभा भेज दिया गया और वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का अपमान किया गया। क्या यही भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ प्रेम है? इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ने लगातार कहा कि छत्तीसगढ़ से राज्यसभा में छत्तीसगढ़ के लोगों को ही भेजना चाहिए तब कांग्रेस कह रही थी कि भाजपा को इस बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। क्यों नहीं है? क्या राज्यसभा की सीटें 10 जनपद की हैं या छत्तीसगढ़ की हैं? छत्तीसगढ़ के किसी भी मामले में भारतीय जनता पार्टी और छत्तीसगढ़ का एक-एक नागरिक बोलने का पूरा अधिकार रखता है लेकिन छत्तीसगढ़ के बारे में बोलने का, छत्तीसगढ़ के हक की बात करने का अधिकार यदि कोई नहीं रखता है तो 10 जनपद के दरबार में घुटने टेकने वाले भूपेश बघेल नहीं रखते हैं, जिन्होंने यह साबित कर दिया है कि 10 जनपद जो चाहेगा छत्तीसगढ़ में वही होगा। लेकिन ऐसा चलने वाला नहीं है। छत्तीसगढ़ की जनता आंख में पट्टी बांधकर बैठने वाली नहीं है । भूपेश बघेल 10 जनपद में कितना भी समर्पण कर दें लेकिन छत्तीसगढ़ का सिर सिर्फ देश के स्वाभिमान के लिए झुक सकता है। देश के लिए झुक सकता है। किसी कांग्रेसी सल्तनत की सुल्तान के आगे कभी नहीं झुकेगा ।

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कांग्रेस का जवाब

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब गुजरात से जाकर वाराणसी में नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ सकते हैं और स्मृति ईरानी गुजरात से जाकर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ सकती हैं, तो उस समय बीजेपी प्रश्न क्यों नहीं उठाती है । सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जनता ने बीजेपी को इस काबिल भी नहीं छोड़ा है कि वह राज्य सभा के बारे में सोच भी सके । शुक्ला ने कहा कि बीजेपी के नेताओं की बयानबाजी उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाती है ।

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