Samrat Prithviraj Review : अत्याधुनिक तकनीक के बाद भी पिटती नज़र आई फिल्म, अक्षय कुमार की एक्टिंग ने उम्मीदों पर पानी फेरा…पढ़ें फिल्म का Review

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मीडिया 24 न्यूज इंटरटेनमेंट डेस्क, रायपुर | 4 जून, 2022

 

न सम्राट पृथ्वीराज जैसा तेज,
न सम्राट पृथ्वीराज जैसी गम्भीरता,
न सम्राट पृथ्वीराज जैसा साहस,
न सम्राट पृथ्वीराज जैसा नेतृत्व,

 

 

 

मुस्लिम आक्रमणकारी मोहम्मद गोरी को शिकस्त देने वाले सम्राट पृथ्वीराज पर बनी फिल्म सम्राट पृथ्वीराज का लीड रोल भले ही अक्षय कुमार को मिल गया हो, पर अक्षय कुमार ने इस रोल के साथ पूरा अन्याय किया है।

बेहतरीन VFX के बाद भी अक्षय कुमार फिल्म को सुपरहिट नहीं करा पाएंगे, मुझे तो कई फिल्म समीक्षकों को तो फिल्म देखकर यही लगा।
…वैसे भी हमारे जिन शौर्यवीरों ने मुस्लिम आक्रांताओं को धूल चंटा दी, मुस्लिम आक्रांताओं के लाखों सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया, एक दर्शक को अपना शूरवीर उसी तेज, बहादुरी, आवाज़, चेहरे पर गम्भीरता वाला चाहिए, जिसे दिखाने में अक्षय कुमार फ्लॉप हो गए। यानी ‘बेल बॉटम’ और ‘बच्चन पांडे’ के बाद अक्षय कुमार ने इस फिल्म में भी सुपरफ्लॉप एक्टिंग की है। संजय दत्त ने केजीएफ 2 में जो धांसू नाम कमाया, वो इसमें पानी फेरता नज़र आता है।

 

स्टोरी क्या है?

फिल्म के शुरुआत में अक्षय कुमार की एंट्री VFX से सजी सीन के साथ होती है, जिसमें सम्राट पृथ्वीराज को बंदी बनाए दिखाने और मोहम्मद गोरी के सामने सिर नहीं झुकाने पर ये सीन दिखाया गया है। थोड़ी देर बाद ही आप फ्लैशबैक में जाते हैं, तो सम्राट पृथ्वीराज चौहान की बुद्धिमता, तेजता को दिखाया गया है। उसके बाद किस तरह से जयचंद की बेटी का किरदार निभा रहीं और डेब्यू कर रहीं मानुषी छिल्लर बिना देखे किस तरह सम्राट पृथ्वीराज चौहान का रोल कर रहे अक्षय कुमार को पागलों की तरह चाहती हैं, इसे दिखाया गया है।
दूसरी ओर जयचंद चाहते थे कि सम्राट पृथ्वीराज की जगह सत्ता उन्हे मिले। बस इसके इर्दगिर्द स्टोरी घूमते-घूमते जयचंद की मोहम्मद गोरी से सम्राट पृथ्वीराज को पकड़ने के लिए सौदागर के जरिए दोस्ती का हाथ बढ़ाने, फिर बाद में मोहम्मद गोरी की गद्दारी से लेकर जयचंद की गद्दारी का उल्लेख होता जाता है।
फिल्म में जयचंद की बेटी को भीड़ के सामने से उठा ले जाने वाले सम्राट पृथ्वीराज और बाद में मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा युद्ध अनुशासन को भंग करके सम्राट को बंदी बनाए जाने तक स्टोरी शुरु के दृश्य से कनेक्ट होती है।

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क्या कमी रह गई?
• भारी भरकम खर्च करने के बाद भी आदित्य चोपड़ा को कमाई की उम्मीद छोड़नी होगी। क्योंकि देश के इतने बड़े हीरो पर बनाई गई फिल्म में वैसा ही सम्राट वाला रौब, चलना, फिरना, बोलना आवश्यक है, जिसपर अक्षय कुमार खरे नहीं उतर पाए।
• इस फिल्म से अपनी फिल्मी कैरियर की शुरुआत करने वालीं मानुषी छिल्लर प्रभाव नहीं छोड़ पाईं, बल्कि वो बीच-बीच में महिला सशक्तिकरण पर लंबी स्पीच देतीं नज़र आतीं हैं, जो लम्बा और अप्रत्याशित तथा उबाऊ है।
• सोनू सूद के ज्यादा डायलॉग नहीं हैं, जितने हैं, उतने में उन्होंने ठीकठाक अभिनय किया है।
• जयचंद की भूमिका में आशुतोष राणा सूट नहीं कर रहे।
• आखिरी के कुछ सीन बेहद हास्यास्पद हैं, जैसे जब अक्षय कुमार को बांधकर रखा जाता है, तो उनकी हाथों में बंधी रस्सी ऐसी लगती है, जैसे कोई बड़ा भारी युद्ध नहीं, बल्कि कोई कम लागत वाली फिल्म का सीन हो।
• युद्ध के दौरान अक्षय के चेहरे पर युद्ध लड़ने जैसा कोई भाव एक बार भी नज़र नहीं आता, जो काफी हास्यास्पद है।
• फिल्म के एक भी गाने अच्छे नहीं हैं। मानुषी और अक्षय का एक गाना तो अक्षय और सोनाक्षी सिन्हा के ‘आज दिल शायराना’ जैसा फिल्माया गया है, जो दूर दूर तक इस फिल्म में फिट नहीं बैठता। गाने एक भी अच्छे नहीं हैं।
• शरण में आए हुए की रक्षा करना हर हिंदू का धर्म है,
धर्म के लिए जिया हूं और मरुंगा, हर हर महादेव, सम्राट के रोल में गिनेचूने ऐसे कुछ ही डायलॉग हैं, जो ठीकठाक हैं।

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देखें कि नहीं?
मेरे ख्याल से आप जिस भारतीय योद्धा और प्रतापी राजा सम्राट पृथ्वीराज की छवि सुनकर, पढ़कर जिस उम्मीद से थियेटर में जायेंगे। वैसा दमदार एक्टिंग अक्षय कुमार ने नहीं की है। हो सकता है, फिल्म के शुरु होने के करीब बीस मिनट बाद ही आप मस्त टाइप सोते नज़र आ जाएं।
चूंकि ये फिल्म मुस्लिम आक्रांताओं को हराने वाले सम्राट पृथ्वीराज पर आधारित है, ऐसे में एक बार आप इसे देख सकते हैं। पर दूसरी बार अक्षय पर एहसान करने का कोई मतलब नहीं है।
अत्याधुनिक तकनीक के बाद ‘सम्राट पृथ्वीराज’ पर 300 करोड़ रुपये की मेकिंग और प्रचार लागत लगाने वाले प्रोड्यूसर को कितना पैसा मिल पाता है, ये कहना मुश्किल है, पर हां फिल्म उस तरह नहीं रिस्पॉन्स पायेगी, जैसा इससे उम्मीद किया गया था।

अक्षय कुमार ने खेल बिगाड़ा
इस फिल्म में अक्षय कुमार सम्राट पृथ्वीराज के किरदार में हैं, लेकिन हाल फिलहाल में जिस तरह से उनका हिंदू आस्था को लेकर जो बयान का वीडियो वायरल हो रहा है और पान मसाला बेचने जैसे ट्रोलिंग मामलों से अक्षय गुजर रहे हैं, इससे भी एक बड़ा वर्ग है जो अक्षय कुमार के फिल्म देखना नहीं जा रहा। ऐसे में डायरेक्टर, प्रोड्यूसर को अक्षय कुमार की जगह किसी और एक्टर को लेना था, ताकि जो पैसा लगा है उसे वापस निकाला जा सके।

 

(नोट : फिल्म के विश्लेषक योगेश मिश्रा सुदर्शन न्यूज के छत्तीसगढ़ ब्यूरो प्रमुख हैं। ये लेख उनके सोशल मीडिया खाते से साभार लिया गया है।)

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