गोपीकृष्ण साहू, 04 जून 2022
महासमुंद :- जिले के बरबसपुर गांव में धड़ल्ले से रेत उत्खननकर परिवहन की शिकायत के बाद भी खनिज विभाग इसे रोकने की कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
महासमुंद निवासी मनोज चंद्राकर ने तीन साल का इस रेत खदान का ठेका ले रखा था लेकिन 19 मई को उन्होंने आर्थिक परेशानियों के कारण पट्टे पर लिया गया यह ठेका विभाग को सरेंडर कर दिया था। आरोप है कि बरबसपुर पंचायत के सरपंच और उनके आदमी दिन रात चैन माउटिंग और हाइवा के जरिए रेत खननकर धड़ल्ले कर रहे है।
महासमुंद निवासी मनोज चंद्राकर ने बताया कि रायपुर से सटे महासमुंद जिले के बरबसपुर में सरकारी जमीन(महानदी) में उनके पक्ष में गौण खनिज साधारण रेत का उत्खननका तीन साल की अवधि का पट्टा नीलामी के जरिए स्वीकृत किया गया था।आर्थिक समस्या की वजह से 19 मई को उनके द्वारा इस पट्टे को सरेंडर कर दिया गया।
खनिज विभाग को शिकायत
इसके बाद से इस रेत खदान में ग्राम पंचायत बरबसपुर के सरपंच महेंद्र प्रताप सोनवानी की नजर लग गई।सरपंच व उनके आदमी दिन-रात चेन माउटिंग, हाइवा से रेत का उत्खननकर बेचने का काम कर रहे है। इसकी शिकायत वे लगातार खनिज विभाग को करते आ रहे है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मनोज ने संचानालाय भौमिकी एवं खनिकर्म सोनाखान भव पुरैना,रायपुर के नाम लिखित शिकायत कर तत्काल बरबसपुर में हो रहे रेत खननपर रोक लगाने के साथ ही सरपंच के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।