चार राज्यों के 16 राज्यसभा सीटों के लिए आज चुनाव : नाराज विधायक बदल सकते हैं समीकरण, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान के साथ महाराष्ट्र में फंसा पेंच, पढ़िये कैसे नाराज विधायक बदल सकते हैं समीकरण?

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प्रमोद मिश्रा

नेशनल डेस्क, 10 जून 2022

आज 4 राज्यों के 16 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है । जिन चार राज्यों में चुनाव है, वहां एक – एक सीट पर पेंच फंसा हुआ है । इनमें राजस्थान की 4, हरियाणा की 2, महाराष्ट्र की 6 और कर्नाटक की 4 सीटें शामिल हैं। दरअसल, आज राज्यसभा की 57 पर चुनाव होने थे, लेकिन 41 सीटों पर प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं।
16 सीटों के लिए इन राज्यों में पक्ष और विपक्ष में कांटे की टक्कर है। क्रॉस वोटिंग के खतरे को देखते हुए सभी दलों ने अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित ठिकानों पर भेज रखा है। वोटिंग के लिए ये विधायक आज बाड़ेबंदी से बाहर आएंगे। चुनाव दिलचस्प होने की संभावना है और पूरे देश की नजर भी इनके परिणामों पर रहेगी।

 

 

 

राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों में से दो कांग्रेस और एक भाजपा के खाते में जानी तय है। चौथी सीट पर कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के बीच टक्कर है। चूंकि राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत की सरकार है। गहलोत विधायकों पर मजबूत पकड़ रखने वाले नेता हैं। उनकी पहुंच केवल कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों में ही नहीं बल्कि यहां तक कहा जाता है कि जरूरत पड़ने पर वह भाजपा विधायकों को भी तोड़ने का दमखम रखते हैं।

वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सुभाष चंद्रा ने नाराज चल रहे विधायकों को अपने पाले में लाने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। भाजपा की ओर से भी उनकी पूरी मदद की जा रही है।

CM अशोक गहलोत ने क्रॉस वोटिंग की आशंका को भांपते हुए एक-एक विधायक की नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। इस सिलसिले में उन्होंने पिछले दिनों ताबड़तोड़ आदेश भी जारी किए।

क्या है जीत का गणित?

राजस्थान में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए। कांग्रेस से तीन उम्मीदवार मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी मैदान में हैं। तीनों उम्मीदवारों के लिए 123 विधायकों के वोट जरूरी हैं, जबकि सरकार के पास अभी 126 विधायकों का समर्थन है, जिसमें से 107 कांग्रेस के हैं। जब तक नाराज या निर्दलीय विधायक इधर उधर नहीं जाते, तब तक कांग्रेस की जीत तय है।

आठ निर्दलीय विधायक नाराज माने जा रहे हैं, जिनके खिसकते ही तीसरे प्रत्याशी की हार तय है।

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उधर, भाजपा प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी की भी जीत तय है, क्योंकि भाजपा के पास 71 विधायक हैं। 41 वोट मिलते ही तिवाड़ी जीत जाएंगे, जबकि भाजपा के 30 विधायक निर्दलीय सुभाष चंद्रा के लिए वोट करेंगे। चंद्रा को 3 RLP विधायकों का भी समर्थन हासिल है। उन्हें केवल 8 विधायकों की दरकार है। जयपुर में कैंप करके वे विधायकों का समर्थन जुटाने में लगे हैं।

हरियाणा में भी फंसा पेंच

हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव होना है। यहां एक सीट पर BJP की जीत तय है, जबकि दूसरी सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन और निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा के बीच मुकाबला है।

राजस्थान की तरह ही शर्मा को BJP का समर्थन हासिल है। उन्हें जीतने के लिए 31 वोट चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस से नाराज चल रहे विधायक उनके पक्ष में मतदान करेंगे। कार्तिकेय शर्मा के पक्ष मे एक और बात ये है कि उनके पिता विनोद शर्मा का हरियाणा में काफी गहरा प्रभाव रह चुका है। वे कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे थे।

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन तभी जीत सकते हैं, जब उन्हें कांग्रेस के कुल 31 विधायकों में से 30 का वोट मिल जाए, लेकिन कांग्रेस में जिस तरह की गुटबाजी हावी है, उससे माकन की राह आसान नजर नहीं आती। निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय को दुष्यंत चौटाला की JJP के 10 विधायकों और BJP के बचे 10 विधायकों के वोट मिलने की पूरी संभावना है। 7 निर्दलीय और कांग्रेस के नाराज विधायकों की मदद से कार्तिकेय बाजी पलट सकते हैं।

महाराष्ट्र में वैसे तो 6 सीटों पर चुनाव होने हैं, लेकिन कांटे की टक्कर केवल एक सीट पर देखने को मिलेगी। राज्यसभा सीट के चुनाव में एक-एक उम्मीदवार को जीतने के लिए कुल 42 वोटों की जरूरत पड़ेगी।

BJP के पास 106 विधायक हैं, जिसके बल पर पार्टी आसानी से दो सांसद जिता लेगी। वहीं शिवसेना, NCP और कांग्रेस के एक-एक सांसद जीत जाएंगे।

इसके बाद महाविकास अघाड़ी (महाराष्ट्र सरकार गठबंधन) और BJP के पास कुछ अतिरिक्त वोट बचेंगे, लेकिन ये वोट इतने ज्यादा नहीं होंगे कि राज्यसभा के छठे सदस्य का चुनाव आसानी से हो सके। गठबंधन के अतिरिक्त वोट शिवसेना के प्रत्याशी को मिलने तय हैं। शिवसेना ने कोल्हापुर जिलाध्यक्ष संजय पवार को उम्मीदवार बनाया है।

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वहीं, BJP ने कोल्हापुर के धनंजय महादिक को तीसरा उम्मीदवार बनाया है। महादिक के पक्ष में 7 निर्दलीय विधायक भी होंगे। दो सीटों पर प्रत्याशियों को जिताने के बाद पार्टी के पास 29 वोट बचेंगे। महादिक के पास फिलहाल 36 वोट (7 निर्दलीय मिला कर) हैं, जबकि 6 वोट कम पड़ रहे हैं।

वहीं महाविकास आघाडी सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि उनके पास 41 वोट हैं और केवल एक वोट मैनेज करना होगा, जो बड़ी बात नहीं है।

कर्नाटक : कांग्रेस-भाजपा के बीच टक्कर

कर्नाटक में राज्यसभा की 4 सीटों पर चुनाव होंगे। इसके लिए 6 प्रत्याशी मैदान में हैं। कांग्रेस और भाजपा ने एक-एक अतिरिक्त प्रत्याशी को मैदान में उतारा है, जिससे चौथी सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है।

कांग्रेस ने पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश, अल्पसंख्यक नेता मंसूर अली खान को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अभिनेता जग्गेश और कर्नाटक के MLC लहर सिंह सिरोया को मैदान में उतारा है।

जनला दल (सेक्युलर) यानी जेडीएस से रियल एस्टेट कारोबारी डी कुपेंद्र रेड्डी उम्मीदवार हैं।

224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं, वहीं भाजपा के पास 121 विधायक हैं और जेडीएस के पास 32 MLA हैं।

कर्नाटक में प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए 45 विधायकों के वोट चाहिए। ऐसे में सत्तारूढ़ भाजपा आसानी से चार में से दो सीटें जीत सकती है, जबकि कांग्रेस के हाथ एक जीत आ सकती है।

32 विधायकों के साथ जेडीएस के पास राज्यसभा सीट जीतने के लिए संख्या नहीं है। ऐसे में चौथी सीट के लिए भी कर्नाटक में दिलचस्प नतीजे आने की संभावना है।

भूपेश बघेल और सिंहदेव को मिली है जिम्मेदारी

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दो सबसे बड़े चेहरे सीएम भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव को क्रमशः हरियाणा और राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई है । सीएम भूपेश बघेल को हरियाणा, तो टी एस सिंहदेव को राजस्थान का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है । इस बीच आपको बता दे की हरियाणा के कांग्रेसी विधायकों को रायपुर के एक रिसोर्ट में ठहराया गया था ।

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