जिम्मेदार कौन? : निर्माण के बाद ही उखड़ने लगी PMGSY की सड़क, जिम्मेदारों ने साधा मौन, जनता बोली : “सड़क ज्यादा दिन टिकेगी, लगता नहीं”

Exclusive Latest छत्तीसगढ़ बड़ी ख़बर

प्रमोद मिश्रा

बलौदाबाजार, 09 जून 2022

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कटगी से लेकर पिकरी तक की सड़क, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा बनाया गया है । सड़क को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं । सड़क की तस्वीरें बताती हैं कि सड़क का उस हिसाब से निर्माण नहीं किया गया है जितने गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण किया जाना था । सड़क में गड्ढे बता रहे हैं कि सड़क की गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं है, जितनी अमूमन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की होती है । प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जब बनकर तैयार हुआ थ, तो लोगों को लग रहा था कि यह सड़क काफी दिन तक चलेगी । लेकिन, जिस हिसाब से अभी से ही सड़क पर गड्ढे बनने शुरू हो गए हैं उससे ग्रामीणों को चिंता सता रही है कि यह सड़क ज्यादा दिन तक उनके सफर को खुशनुमा नहीं बना पाएगी । ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सड़क को गुणवत्तापूर्ण क्यों नहीं बनाया गया? ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बनाते समय खुदाई भी कम की गई और मटेरियल का प्रयोग भी कम किया गया है  ।

 

 

 

आपको बताते चले कि सड़क पर अभी से गड्ढे शुरू हो चुके है । ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर ठेकेदार की मनमानी पर विभाग के अधिकारियों की नजर क्यों नहीं पड़ी?

क्या कहते हैं जिम्मेदार?

इस संबंध में जिले के अधिकारी अखिलेश तिवारी से बात करने का प्रयास किया गया । लेकिन पहले उन्होंने काम को देखने की बात कही फिर बाद में फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा ।

पढ़ें   मुख्यमंत्री आज दुर्ग संभाग के युवाओं से करेंगे भेंट-मुलाकात, जयंती स्टेडियम भिलाई में होगा आयोजन   

निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच और मॉनीटरिंग किस तरह किए जाते हैं?

प्रत्येक ठेकेदार से अपेक्षित होता है कि वह सड़क निर्माण के प्रत्येक पैकेज के लिए एक फील्ड प्रयोगशाला स्थापित करे, जिसमें उसे निष्पादन एजेंसी की देखरेख में सामग्री और कारीगरी की गुणवत्ता संबंधी परीक्षण करने होते हैं। निष्पादन एजेंसी के विभागीय अधिकारियों द्वारा गुणवत्ता की जांच के अलावा, राज्य सरकारों द्वारा सड़क कार्यों की गुणवत्ता की निगरानी के लिए स्वतंत्र मॉनिटर तैनात करना अपेक्षित है। केंद्र सरकार द्वारा भी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की औचक मॉनीटरिंग के लिए स्वतंत्र राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनीटर (एनक्यूएम) की तैनाती की जाती है।

सड़क में शोल्डर का काम भी अधूरा

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाए गए सड़क में साइड शोल्डर का काम भी अभी तक अधूरा है । वहीं इन सड़क में डाले जा रहे हैं मटेरियल पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं? अमूमन देखा जाता है कि सड़क पर साइड शोल्डर के तौर पर तौर पर मुरुम का उपयोग किया जाता है लेकिन इस सड़क में मुरुम की जगह मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है ।

 

पीएमजीएसवाई सड़कों में शोल्डर की चौड़ाई कितनी होनी चाहिए?

पीएमजीएसवाई के दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक सड़क में शोल्डर की पर्याप्त ऊंचाई होनी चाहिए जिससे पैदल यात्री आसानी से चल सकें, वाहन सुरक्षित रूप से गुज़र सकें और सड़क के किनारों को टूट-फूट से बचाया जा सके। पीएमजीएसवाई सड़कों में 3 मी., 3.75 मी. और 5.5 मी. कैरिजवे चौड़ाई की अनुमति है और इन कैरिजवे चौड़ाइयों के अनुरूप सड़क के दोनों ओर 1.5 मी., 1.875 मी. और 1.75 मी. शोल्डर की चौड़ाई को अपनाया जा सकता है हालांकि निर्मित बसावट वाले क्षेत्रों में जगह की अनुपलब्धता के चलते चौड़ाई को कम किया जा सकता है।

पढ़ें   नए CM को बधाई : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने मुलाकात कर दी बधाई, बड़ी संख्या में कार्यकर्ता रहे मौजूद

 

Share