प्रमोद मिश्रा
जांजगीर, 14 जून 2022
छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के मालखरौदा ब्लॉक के पिहरीद गांव के बोरवेल में फंसे 11 साल के मासूम को बोरवेल के अंदर गए 95 घण्टे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है । राहुल को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम लगातार कार्य कर रही है । अच्छी बात यह है कि लगभग दोपहर के 2 बजे राहुल ने खाने की मांग की है । राहुल को बचाने के लिए NDRF की टीम काफी जद्दोजहद कर रही है। SECL की टीम भी लगातार राहुल को बचाने के लिए कार्य कर रही है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार कलेक्टर के साथ रेस्क्यू टीम और परिवार के लोगों से बातचीत कर हौसला बढ़ा रहे हैं ।
NDRF टीम के कार्यों की तारीफ
राहुल को बचाने में NDRF की टीम बिना रुके,बिना थके अनवरत कार्य कर रही है । NDRF के कार्यों को देखकर सीएम भूपेश बघेल से लेकर हर कोई तारीफ कर रहा है । राहुल को बचाने के लिए फिलहाल NDRF की टीम टॉर्च की रोशनी से चट्टान को काटने ड्रील मशीन का उपयोग घुटने के बल कर रही है ।
पूरी ताकत के साथ लड़ी जा रही जीवन बचाने की जंग
विपरीत परिस्थितियों के बावजूद जारी है राहुल को बाहर निकालने की जंग। टॉर्च की रोशनी में भीतर चट्टानों को ड्रील मशीन से काटने के लिए झुककर, घुटने के दम पर काम कर रहा एनडीआरएफ। #SaveRahulAbhiyan @NDRFHQ pic.twitter.com/3mRa8LXv3H
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 14, 2022
मासूम राहुल को बचाने एनडीआरएफ़ टीम के साथ एसईसीएल की रेस्क्यू टीम
जांजगीर के पिहरीद गांव का राहुल अपने घर के पीछे खेलते समय शुक्रवार दोपहर को बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। उसे बचाने के प्रयास में एनडीआरएफ़ की टीम और उसके साथ एसईसीएल की रेस्क्यू टीम लगातार काम कर रही है ।
10-12 सदस्यीय टीम , चौबीस घंटे ग्राउंड ज़ीरो पर
एसईसीएल कोरबा, कुसमुंडा एवं मनेंद्रगढ की रेस्क्यू टीम से लगभग १२ लोगों की टीम एनडीआरएफ़ के साथ लगातार एक्शन में है ।
बड़ी चुनौतियाँ
बोरवेल खुदाई की लगभग 60 फ़ीट की गहराई में राहुल के गिरने में बाद टीम ने मिलकर एक समानांतर इंक़्लाईंन विकसित किया । इसके बाद इन दोनों को आपस में जोड़ने के लिए लगभग २० फ़ीट की क्षैतिज (horizontal) खुदाई शुरू की गई जिससे राहुल तक पहुँचा जा सके । किंतु इसमें सामने हीं बड़ी चट्टान का हिस्सा आ गया जिससे खुदाई का काम दुरूह हो गया । ऐसी स्थिति में ब्लास्टिंग का सहारा लिया जा सकता था किंतु राहुल के लोकेशन की वजह से ऐसा कर पाना सम्भव नहीं था । और तब शुरू हुई हौसलों की लड़ाई – टीम के सदस्य ड्रिल मशीन आदि से थोड़ा थोड़ा करके चट्टान तोड़ने लगे । कई बार घंटे में १ फ़ीट तो कई बार इतना भी नहीं , इस रफ़्तार से चट्टान टूट रही थी ।
अभी अभी एसईसीएल रेस्क्यू टीम के एक सदस्य ने जानकारी दी है कि चट्टान पूरी टूट गई है और गीली मिट्टी मिल रही है ।
हर कोई यह उम्मीद लगाए बैठा है कि जल्दी से राहुल को बाहर निकाल लिया जाए। पूरे गांव के लोग भी रात भर उसी जगह पर टिके रहे, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है वहीं भाई उससे 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है। कल रात तक राहुल के मूवमेंट महसूस किए गए हैं । राहुल बोल और सुन नहीं सकता है ।