धरती के भगवान : तीन बच्चों की सफल सर्जरी से खिले मां के चेहरे, चंदा देवी तिवारी हॉस्पिटल, बलौदाबाजार के डॉक्टरों की टीम को मिली बड़ी कामयाबी, मां बोली : “आप ही हो मेरे भगवान”

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प्रमोद मिश्रा

बलौदाबाजार, 22 जून 2022

डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है । यह वाक्य कई बार हमें प्रत्यक्ष रूप से भी दिखाई व सुनाई पड़ता है । इस वाक्य को एक बार फिर सिद्ध करके दिखलाया है चंदा देवी तिवारी हॉस्पिटल, बलौदाबाजार के डॉक्टरों ने । दरअसल, बलौदाबाजार के चंदा देवी तिवारी हॉस्पिटल के पांच डॉक्टरों की टीम ने एक मां और उसके तीन बच्चों की सफल डिलीवरी की है । महिला और उसके परिवार वालों को यकीन भी नहीं हो रहा कि ऐसा चमत्कार भी हो सकता है ।

 

 

 

महिला और उसके बच्चे

दरअसल, दिलकुमारी जयसवाल, उम्र-30 वर्ष, पति दिलहरण जयसवाल, ग्राम – खर्वे, तह – कसडोल, जिला – बलौदा बाजार (छ.ग.) को गर्भावस्था के तीसरे माह की सोनोग्राफी में पता चला की उसके गर्भ में 3 भ्रूण पल रहे है, जो की 10,000 में से किसी एक महिला में पाया जाता है, जिसे Triples Pregnancy कहा जाता है। Triples Pregnancy एक उच्च जोखिम की गर्भवस्था होती है, जिसमे महिलाओं को शुरुआती पांच महीने में ही गर्भपात होने की संभावना रहती है। मरीज दिलकुमारी जयसवाल के पति उसे प्राथमिक उपचार हेतु चँदा देवी तिवारी हॉस्पिटल, बलौदाबाजार ले गयें, जँहा इनका शुरुआत से ही ईलाज चला एवं डॉ. गीतिका शंकर तिवारी (स्त्री रोग विशेषज्ञ) की सतत निगरानी में रही, जिससे गर्भ को 9 माह तक ले जाया गया। परन्तु, 9 वें माह की शुरुआत में ही मरीज Severe Pre-Eclampsia (गर्भावस्था में रक्त चाप का बढ़ जाना) की बीमारी से ग्रसित हो गयी। यह बीमारी 8% महिलाओं में पायें जाने वाली एक गंभीर बीमारी है, जिसमे लगभग 10-23% महिलाओं की जान गर्भावस्था में ही चली जाती है

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ऑपरेशन टीम की हेड डॉ गीतिका शंकर तिवारी

इस जटिलताओं को देखते हुए, डॉक्टरों की टीम ने तत्काल सर्जरी करके बच्चों को गर्भ से निकालने का निर्णय लिया। ज्ञात हो की गर्भ मात्र 8 माह का पूर्ण हुआ था, जिसके कारण नवजात शिशुओं को तत्काल नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) की जरुरत थी। ऑपरेशन के बाद तीनों बच्चों को अनुभवी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल देव की निगरानी में चँदा देवी तिवारी हॉस्पिटल के ही नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में रखा गया। डॉ. राहुल देव ने बताया की, तीनों बच्चों के फेफड़े पूर्ण विकसित नहीं हुए थे एवं उनके वजन भी सामान्यतः कम था। तीनों शिशुओं को डॉक्टरों की भरपूर प्रयास से बचा लिया गया एवं 15 दिनों के बाद छुट्टी दे दिया गया। मरीज (माँ) को भी ऑपरेशन के बाद ICU में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया और ऑपरेशन के 8 वें दिन स्वस्थ अवस्था में छुट्टी कर दिया गया।

सच ही कहा जाता है की, डॉक्टर भगवान का रूप होते है, यह बात एक बार फिर से सिटी कोतवाली के सामने, बलौदा-बाजार (छ.ग.) स्थित चँदा देवी तिवारी हॉस्पिटल में साबित हुआ है, जहां मरीज दिलकुमारी जयसवाल, उम्र-30 वर्ष, पति दिलहरण जयसवाल, ग्राम – खर्वे, तह – कसडोल, निवासी का गर्भावस्था के ऑपरेशन के उपरांत एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन-तीन स्वस्थ नवजात शिशुओं का जन्म हुआ।

जिन डॉक्टरों की टीम ने इस ऐतिहासिक ऑपरेशन को कर दिखाया उनमें डॉ. गीतिका शंकर तिवारी ( एम.डी. स्त्री रोग विशेषज्ञ),डॉ. नितिन तिवारी (एम.एस. सर्जन),डॉ. अंकित जैपुरिअर (जनरल सर्जन), डॉ. राहुल देव (शिशु रोग विशेषज्ञ), डॉ. ऋत्विक रायज़ादा (एम डी, क्रिटिकल केयर विभाग) रहे ।

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