‘हरेली’ तिहार : ‘हरेली’ पर्व की संसदीय सचिव शकुंतला साहू ने दी सभी को बधाई, शकुंतला बोली : “हरेली त्योहार से इस बार गोमूत्र की खरीदी शुरू कर रही हमारी सरकार”

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 27 जुलाई 2022

छत्तीसगढ़ में गुरुवार को हरेली पर्व मनाया जाएगा । छत्तीसगढ़ के पावन पर्व हरेली को लेकर पूरे प्रदेशवासियों में स्वास्थ्य उत्साह देखा जा रहा है । संसदीय सचिव एवं कसडोल विधानसभा की विधायक शकुंतला साहू ने भी क्षेत्र वासियों के साथ पूरे प्रदेश वासियों को हरेली त्यौहार की बधाई दी है । शकुंतला साहू ने कहा कि इस बार हरेली त्योहार के मौके पर हमारी छत्तीसगढ़िया सरकार के द्वारा पूरे प्रदेश में विभिन्न प्रतियोगिता कराई जा रही है । जिसको लेकर पूरे प्रदेश में हर्ष और उत्साह का माहौल है । शकुंतला साहू ने कहा कि इस बार हरेली में स्कूलों में भी विभिन्न प्रतियोगिता कराई जा रही है, जिसको लेकर सभी विद्यार्थियों में भी हर्ष का माहौल है ।

 

 

शकुंतला साहू ने कहा कि किसान अपनी मेहनत से उपजी हरियाली के त्योहार को हरेली तिहार के रूप में मानना हमारे संस्कार रहे हैं। कृषि युग से ले कर आज तक हरियाली, हमारे तन-मन में छायित है। प्रकृति चक्र के मुताबिक ज्येष्ठ वैशाख की चिलचिलाती गर्मी में जब आषाढ़ की शीतल बूंदें गिरती है, तब मिट्टी की सौंधी सुगंध को मन में बसाए लोग हरियाली की कल्पना में डूब जाते हैं। वैसे तो वैशाख का अक्ती(अक्षय तृतीया), आषाढ़ का रजुतिया(रथयात्रा) और श्रावण मास का हरेली, किसान, मजदूर और पौनी-पसारी के प्रमुख त्योहार प्रतीत होते हैं, तभी तो नांगर की मूठ लिए किसान, अपनी मेहनत से धरती का ऋंगार करता है।लगातार मेहनत के बाद शरीर में पसरी थकान को दूर करने, मन में उत्सव और मंगल की कामना रहती है। उत्सव और मंगल, ख़ुशहाली लाते हैं, तन-मन में नवांकुर के बीज स्फुटित होते हैं। खेती-किसानी में जीवन का सार समाहित है, पसीने की महक से सुगंधित काया, अलग आनंद देती है।

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शकुंतला साहू ने की कहा कि हमारी सरकार वो सरकार है जो राज्य निर्माण के बाद हमारे संस्कृति व संस्कारों को बढ़ावा दे कर “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” की परिकल्पना को साकार कर रही है।

 

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