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कोलकाता रेप-मर्डर केस: ट्रेनी डॉक्टर के साथ बर्बरता करने वाले संजय रॉय को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद, फांसी की मांग पर फैसला टला

ब्यूरो रिपोर्ट
कोलकाता, 20 जनवरी 2025

कोलकाता की सियालदा कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में हुए ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर केस में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला पिछले साल अगस्त में हुआ था, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। कोलकाता के इस बहुचर्चित केस में कोर्ट ने आज दोषी को कठोर सजा का ऐलान करते हुए कहा कि यह मामला “दुर्लभतम अपराधों” में से एक है।

घटना का विवरण

 

अगस्त 2024 में कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव संदिग्ध हालात में अस्पताल परिसर में मिला था। जांच में खुलासा हुआ कि उसके साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या की गई। यह घटना न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख देती है।

कोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ?

कोर्ट में दोषी संजय रॉय ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। उसने कोर्ट में बार-बार गुहार लगाई कि उसने अपराध नहीं किया है। सुनवाई के दौरान संजय ने जज के सामने कहा,
“अगर मैंने यह अपराध किया होता तो मेरे गले में पहनी रुद्राक्ष की माला टूट जाती।”

कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ सभी सबूत स्पष्ट हैं और वह दोषी साबित हुआ है।

सीबीआई ने की फांसी की मांग

सीबीआई के वकील ने कोर्ट में इस मामले को “रेयर ऑफ द रेयरेस्ट” करार देते हुए संजय रॉय के लिए फांसी की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि इस तरह के अपराध को रोकने के लिए ऐसी सजा जरूरी है, जो समाज में एक कड़ा संदेश दे।

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दोषी की मां ने लगाई रहम की गुहार

सुनवाई के दौरान दोषी की मां ने कोर्ट से रहम की अपील की। उन्होंने कहा कि उनका बेटा निर्दोष है और उसे फंसाया गया है। हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज कर दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई।

कोर्ट का फैसला

विशेष अदालत के न्यायाधीश अनिर्बान दास ने कहा,
“यह मामला समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। ऐसे अपराधों के लिए सख्त सजा जरूरी है। दोषी को उम्रकैद की सजा दी जाती है।”
हालांकि, सीबीआई द्वारा फांसी की मांग पर कोर्ट ने कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया और इसे भविष्य के लिए टाल दिया।

पीड़िता के परिवार ने क्या कहा?

पीड़िता के माता-पिता ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया लेकिन साथ ही कहा कि दोषी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा,
“हमारी बेटी की जिंदगी छीन ली गई। उसे न्याय तभी मिलेगा जब दोषी को फांसी दी जाएगी।”

समाज और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। आरजी कर अस्पताल प्रशासन ने इस घटना के बाद सुरक्षा कड़ी करने का दावा किया, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिक ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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