प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 09 अगस्त 2022
छत्तीसगढ़ में यूं तो कांग्रेस पार्टी को जनता ने बड़ा जनाधार दिया है । बावजूद, इसके कई बार पार्टी की अंतर्कलह की तस्वीर भी सामने आते रहती है । ताजा मामला बलौदाबाजार जिले के कसडोल विधानसभा का है, जहां कसडोल में कांग्रेस पार्टी द्वारा पवित्र माह सावन के अंतिम सोमवार को महाआरती का आयोजन किया गया था । इस कार्यक्रम में कांग्रेस के कई बड़े चेहरे भी मौजूद रहे । कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, जिला कांग्रेस के अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर, जिला पंचायत बलौदाबाजार के सभापति विक्रांत साहू, गोरेलाल साहू, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याभूषण शुक्ल के साथ नगर पंचायत कसडोल के अध्यक्ष नीलू चंदन साहू, चंदन साहू(ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष), कसडोल नगर पंचायत के उपाध्यक्ष ऋत्विक मिश्रा के साथ कांग्रेस पार्टी के कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे ।
निमंत्रण पत्र
कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में हालांकि कांग्रेस पार्टी का कोई लोगो या चिन्ह नहीं था । लेकिन, लोगों के बीच इस बात की चर्चा है कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से कांग्रेस मय ही था । क्योंकि, कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के नेताओं के छोड़ किसी अन्य का नाम न तो निमंत्रण पत्र में था और न ही कोई भी अन्य पार्टी का नेता इस कार्यक्रम में दिखा ।
लोगों में कौतूहल का विषय है कि जिस कार्यक्रम में कांग्रेस के इतने नेताओं की मौजूदगी रही, उस कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के ही विधायक का नाम न तो आमंत्रण पत्र में लिखा गया, न ही उन्हें आमंत्रण दिया गया । कार्यक्रम को लेकर तरह-तरह की बातें भी चल रही है । कोई इसको जिलाध्यक्ष और विधायक के बीच बढ़ती दूरियों की तरह देख रहा है, तो कोई कह रहा है कि जिस कार्यक्रम में विधायक नहीं उस कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष को भी शायद नहीं होना था ।
खैर वजह जो भी हो लेकिन एक बात स्पष्ठ रूप से दिखाई दे रहा है कि बलौदाबाजार जिले के कसडोल विधानसभा में कांग्रेस पार्टी दो गुटों में बंटती नजर आ रही है । एक तरफ जिस कार्यक्रम में विधायक नहीं उस कार्यक्रम में भी जिला अध्यक्ष के साथ तमाम बड़े नेता शामिल हो रहे हैं । वहीं दूसरी तरफ जिस कार्यक्रम में विधायक का उन्हीं के विधानसभा में नाम नहीं वहां भी जिलाध्यक्ष के साथ तमाम बड़े कांग्रेस के नेता आराम से जाकर कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं ।
इस बारें में जब कांग्रेस पार्टी से मौजूदा विधायक शकुंतला साहू से बात की गई तो उनका कहना था कि मुझे इस कार्यक्रम में न तो बुलाया गया है और न ही कोई जानकारी दी गई है ।
अब देखना होगा कि पार्टी के बड़े नेताओं तक यह बात पहुँचती है या नहीं और पार्टी के बड़े नेता इस विषय में कोई संज्ञान लेते हैं भी या नहीं । अगले विधानसभा के चुनाव में तकरीबन 15 महीने का ही समय बचा है ऐसे में अगर जिलाध्यक्ष और विधायक के बीच ऐसी ही खींचतान मची रही, तो आने वाले चुनाव में कांग्रेस पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है ।