सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर अजय त्रिपाठी ने हाई कोर्ट में दायर की याचिका, पढ़िये किन मामलों को लेकर दायर की गई है याचिका?

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 04 सितंबर 2022

छत्तीसगढ़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अजय त्रिपाठी ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है । अजय त्रिपाठी ने बताया कि नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा 4.07.2022 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी पद हेतु हेल्थ एंड वेलनेश सेंटर में छःह माह ब्रिज पाठ्यक्रम कोर्स हेतु 800 पोस्ट निकाला गया था । जिस भर्ती प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ प्रदेश के नर्सिंग काउन्सिल पंजीकृत युवाओं ने 17500 अभ्यार्थियों ने वर्ग अनुसार 100,200,300 शुल्क देकर परीक्षा फ़ॉर्म भरा लेकिन एनएचएम के द्वारा मेरिट लिस्ट बना कर 2400 अभ्यार्थियों को परीक्षा में बैठने हेतु लिस्ट जारी की गई म जिसमें सैकड़ों अभ्यार्थियों द्वारा त्रुटि पूर्ण अंक डाला गया वो भी अभ्यार्थी मिशन संचालक के द्वारा पात्र कर परीक्षा में शामिल किया गया । जिससे अन्य पात्र अभ्यार्थीयो के साथ 15000 प्रदेश के अभ्यार्थी परीक्षा देने से वंचित हुए ।

 

 

पीड़ित अभ्यार्थी सरगुज़ा ज़िला बिंदेश्वर मिर्रे का कहना है की अगर फ़ॉर्म भरने का शुल्क सब से लिया गया, तो परीक्षा में बैठने का अवसर सबको दिया जाएँ । छग़ स्टेट हेल्थ नर्सिंग़ यूनियन द्वारा इस त्रुटि पूर्ण फ़ाइनल लिस्ट की सूचना विरोध हेतु मिशन संचालक को लिस्ट में जाँच कर वंचित अभ्यर्थियों को अवसर देने हेतु ज्ञापन दिया गया । फिर भी कोई प्रतिक्रिया नही आई ।

एनएचएम के द्वारा शनिवार को अवकाश दिवस पर परीक्षा में बैठने वाले अभ्यार्थीयो की संभाग अनुसार लिस्ट बना कर एक दिन बाद तत्काल रविवार को परीक्षा हेतु आमंत्रित किया गया । इस प्रक्रिया में लगातार भ्रष्टाचार पर छःग स्टेट हेल्थ नर्सिंग यूनियन द्वारा सभी अभ्यार्थियों को परीक्षा देने हेतु स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को भी ज्ञापन देकर आवाज उठाई गई पर न्याय हेतु कोई सक्रिय प्रतिक्रिया नही आई ।

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अजय त्रिपाठी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने भर्ती तत्काल निरंतर लेने की बात कही । दूसरी तरफ़ मिशन संचालक की तानाशाही नियम पर यूनियन के द्वारा पुनः 8 अगस्त 2022 को ज्ञापन दिया गया पर जनहित में कोई विचार नही किया गया ।

अजय त्रिपाठी ने बताया कि बीएससी नर्सिंग चार वर्षीय डिग्री कोर्स है, जिसमें पूर्णांक 2800 होता है 60% में प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण माना जाता है एवं जीएनम तीन वर्षीय ,पोस्ट बेसिक दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है जिनका पूर्णांक 1500,1800,1600,1900 होता है। जिससे इनका 70 % को प्रथम श्रेणी कहाँ माना जाता है । जिससे बीएससी नर्सिंग डिग्रीधारी प्रथम श्रेणी में पास होने बाद भी लगातार पाँच साल से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी सीधी भर्ती से वंचित हो रहे है । अब यूनियन अध्यक्ष अजय कुमार त्रिपाठी द्वारा हाई कोर्ट में मामला दर्ज कर भ्रष्टाचार पर जाँच की अपील करते हुए हाई कोर्ट के वकील विवेक कुमार श्रीवास्तव अधिवक्ता द्वारा याचिका दायर की गई ।

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