प्रमोद मिश्रा
रायपुर/मनेन्द्रगढ़/खैरागढ़/अंबिकापुर, 02 नवंबर 2022
छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर से लेकर सभी जिला मुख्यालयों में राज्य निर्माण के दिन राज्योत्सव की धूम रही । लेकिन, प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी भी तस्वीर सामने आई, जिसने प्रशासनिक तैयारियों पर कई प्रश्न चिन्ह भी लगाए हैं । प्रदेश में तीन जगहों से ऐसी तस्वीर सामने आई, जो यह प्रमाणित कर रहे हैं कि प्रशासनिक लापरवाही भी कार्यक्रम को लेकर हुई है । सबसे पहले बात करते हैं मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले से, जहां खुज्जी विधायक छन्नी साहू को राज्योत्सव के शुभारंभ होने के तकरीबन डेढ़ घण्टे बाद आमंत्रण पत्र दिया गया । इस बात से नाराज विधायक छन्नी साहू ने अपनी आपत्ति कलेक्टर के समक्ष दर्ज कराई, फिर इसके बाद कार्यक्रम से किनारा कर ली और कार्यक्रम में नहीं गई । इस कार्यक्रम में अध्यक्षता विधायक छन्नी साहू को करना था । लेकिन, प्रशासनिक लापरवाही के चलते विधायक छन्नी साहू को कार्यक्रम शुभारंभ के डेढ़ घंटे बाद कार्यक्रम के लिए आमंत्रण मिला ।
इसके बाद मनेंद्रगढ़ में नगर पालिका अध्यक्ष नाराज होकर जमीन पर ही बैठ गईं तो वहीं अंबिकापुर में कांग्रेस नेता ने मंच में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गए। दोनों जगह काफी देर तक गहमागहमी का माहौल रहा। अंबिकापुर में तो तहसीलदार को हाथ तक जोड़ना पड़ गया ।
राज्योत्सव के मौके पर मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विधायक विनय जायसवाल शामिल हुए। इसके अलावा मनेंद्रगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल को भी बुलाया गया था।
बताया जा रहा है कि प्रभा पटेल अपने सभी कांग्रेस पार्षदों के साथ आयोजन स्थल पहुंची थी। लेकिन कुछ समय बाद वह जमीन पर ही बैठ गईं। उनके साथ कांग्रेस के सभी पार्षद भी बैठ गए। प्रभा ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि उन्हें मंच में जगह नहीं दी गई है। ना ही जो बैनर पोस्टर लगाए गए हैं। उसमें भी उनकी और ना ही किसी भी कांग्रेस पार्षद की फोटो लगाई गई है। वो इस बात को लेकर भी नाराज थीं कि पूरे शहर में जो पोस्टर लगाए गए। उनमें भी उनकी फोटो तक नहीं है।
ये देखकर प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए और काफी समझाने का प्रयास किया। इसके बावजूद प्रभा नहीं मानीं। फिर जब कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल ने उन्हें काफी समझाया तब जाकर वह शांत हुईं और कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस बीच काफी देर तक गहमागहमी का माहौल रहा।
उधर, अंबिकापुर में भी ऐसा ही कुछ हुआ। यहां पर कला केंद्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस आयोजन के मुख्य अतिधि संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े थे। वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. जेपी श्रीवास्तव और प्रदेश महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा भी शामिल होने पहुंचे थे। लेकिन इन दोनों नेताओं को मंंच में जगह ही नहीं दी गई। ये देखकर दोनों भड़क गए और नाराज होने लगे।
इसके बाद दोनों ने संसदीय सचिव के सामने ही नाराजगी जताई और कहा कि हमारी सरकार है। इसके बावजूद हमारे साथ हमेशा ऐसे ही किया जाता है। हमारी उपेक्षा की गई है। जो ठीक नहीं है। इस बीच तहसीलदार भूषण मंडावी हाथ जोड़कर दोनों को मनाने में लगे रहे। तब जाकर कुछ समय बाद दोनों शांत हुए। वहीं इस पूरे मामले को लेकर कार्यकर्ताओं में जमकर नाराजगी देखने को मिली है।