प्रदीप नामदेव
रायपुर, 08 नवंबर 2022
छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के प्रत्याशी के नाम को लेकर राजीव भवन में बैठक शुरू हो चुकी है । मनोज मंडावी के निधन के बाद खाली हुई भानुप्रतापपुर विधानसभा में उपचुनाव 5 दिसंबर को होना है । माना जा रहा है कि मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को कांग्रेस अपना उम्मीदवार बनाएगी । बैठक में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पी एल पुनिया, सह प्रभारी सप्तगिरि उल्का, सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, मंत्री अनिला भेड़िया, राजेश तिवारी मौजूद हैं ।
आपको बता दे कि उपचुनाव का नतीजे 08 दिसंबर को आएगा ।
चुनाव का पूरा शेड्यूल
– 10 से 17 नवंबर तक होगा नामांकन
– 18 नवंबर नामांकन की जांच
– 21 नवंबर तक नाम वापसी की आखिरी डेट
– 5 दिसंबर को मतदान
– 8 दिसंबर को आएंगे नतीजे
क्या है भानुप्रतापपुर का चुनावी इतिहास?
– 1962 में पहली बार भानुप्रतापपुर को विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया था. तब यहां निर्दलीय रामप्रसाद पोटाई ने कांग्रेस के पाटला ठाकुर को हराया.
– 1967 के दूसरे चुनाव में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई ने यहां से रामप्रसाद पोटाई को हराकर जीत हासिल की थी
– 1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह ने प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई को मात देकर जीत हासिल की
– 1979 में सत्यनारायण सिंह को पछाड़कर जनता पार्टी के प्यारेलाल सुखलाल सिंह ने यहां अपना डंका बजाया
– 1980 और 1985 के चुनाव में वापस से कांग्रेस के गंगा पोटाई की जीत बासिल की और प्यारेलाल सुखलाल सिंह को हरा दिया
– 1990 के चुनाव में लगातार कांग्रेस से दो बार के विधायक गंगा पोटाई को निर्दलीय झाड़ूराम हरा कर भानुप्रतापपुर में कब्जा किया
– 1993 में भाजपा के देवलाल दुग्गा यहां पर झाड़ूराम को हराकर विधायक बने
– 1998 में कांग्रेस के मनोज मंडावी जीते और अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे
– 2003 में कांग्रेस के मनोज मंडावी को हराकर एक बार फिर भाजपा के देवलाल दुग्गा विधायक बने
– 2008 में भाजपा के ही ब्रम्हानंद नेताम यहां से विधायक बने
– 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी की यहां वापसी हुई, इसके बाद उन्होंने 2018 के चुनाव में भी भानुप्रतापपुर में अपना कब्जा बरकरार रखा ।