सरस्वती संस्कार केंद्र : सारागांव, पवनी और मोहरेंगा में हुई संस्कार केंद्र की शुरुआत, बच्चों को दी जाएगी सनातन धर्म और संस्कार की शिक्षा, बीजेपी नेता गणेश शंकर मिश्रा की पहल

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 15 जनवरी 2022

आज के दौर में बच्चे जब सनातन धर्म और संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं, ऐसे समय में बच्चों और युवाओं में सनातन धर्म के प्रति ज्ञान का दीप जलाने छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के 3 गांव मोहरेंगा, पवनी और सारागांव में सरस्वती संस्कार केंद्र की स्थापना की गई । मकर सक्रांति के शुभ मौके पर पण्डित लखन लाल मिश्र की स्मृति में सरस्वती संस्कार केंद्र के शुभारंभ के अवसर पर आरएसएस के प्रांत संचालक डॉ पुणेन्द्रू सक्सेना मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे । इस विशिष्ट कार्य को सफल बनाने वाले पूर्व आईएएस और बीजेपी नेता गणेश शंकर मिश्रा ने शुभारंभ के मौके पर सेवानिवृत्त हो चुके वरिष्ठजनों का स्वागत किया ।

 

 

 

कार्यक्रम के मौके पर गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि आज समाज में सबसे ज्यादा किसी की आवश्यकता है, तो वो संस्कार की है । आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती है तो वह संस्कार है । क्योंकि, कोई व्यक्ति तो अनाज के बिना जीवित रह सकता है लेकिन संस्कार के बिना जीवित नहीं रह सकता । क्योंकि संस्कार नहीं होने से पूरा परिवार निस्तानाबूत हो जाता है । आज के समय में टेलीवीजन और मोबाइल के अत्यधिक और बेवजह के उपयोग से बच्चे संस्कार से दूर होते जा रहे हैं ।

गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि अगर हम अपने बच्चे में संस्कार डालेंगे, तो कभी वो धर्म नहीं बदलेगा । मिश्रा ने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर में हमेशा संस्कार दिया जाता है, जिसका उदाहरण मैंने कई बार अपने जीवन में देखा है । मिश्रा ने सरस्वती शिशु मंदिर की प्राचार्य रिमेश्वरी चन्द्राकर की तारीफ करते हुए कहा कि कम तनख्वाह में बच्चों को जो संस्कार और शिक्षा इस शिशु मंदिर प्रबंधन ने दी है, वो काबिले तारीफ है । मिश्रा ने जानकारी देते बताया कि पवनी और मोहरेंगा के साथ सारागांव में भी सरस्वती संस्कार केंद्र की स्थापना की जा रही है । मिश्रा ने जानकारी देते बताया कि मेरे खुद के गांव मुरा में संस्कार केंद्र बनने के बाद बच्चे सुबह उठकर अपने माता-पिता को प्रणाम करते हैं ।

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कार्यक्रम में पहुंचे आरएसएस के प्रांतीय चालक पुणेन्द्रू सक्सेना ने कहा कि मकर संक्रांति के पावन मौके पर संस्कार केंद्र की शुरुआत हुई है, जिसमें ज्ञान ग्रहण करने वाले बच्चे निश्चित तौर पर सूर्य के समान चमकेंगे । सक्सेना ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि जिस इलाके में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे, उस क्षेत्र में ऐसे संस्कार केंद्र की स्थापना कर रहा हूँ । सक्सेना ने कहा कि संस्कार मतलब अच्छी आदतों को ग्रहण करना होता है । हालांकि, ये बहुत कठिन होता है लेकिन एक बार धारण करने के पश्चात उसका प्रभाव हरेक जगह देखने को मिलता है ।

आपको बताते चले कि इससे पहले भी ग्राम पंचायत मुरा में सरस्वती संस्कार केंद्र की स्थापना की गई है, जिसमें पढ़ने वाले बच्चों में व्यापक परिवर्तन देखने को मिल रहा है । मुरा में सरस्वती संस्कार केंद्र में शिक्षा देने वाले सदस्यों ने बताया कि जब से बच्चे संस्कार केंद्र में आना शुरू किये है, तब से बच्चे सुबह उठकर अपने माता-पिता के पैर छूकर प्रणाम कर रहे हैं और अपने से बड़ों के साथ आदर के साथ व्यवहार भी कर रहे हैं ।

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