जिम्मेदारों पर कब होगी कार्रवाई? : बलौदाबाजार जिले में दो दिनों में तीन वन्य प्राणियों की मौत, फेसिंग तार में फंसने से नील गाय की गई जान, पढ़िए जिम्मेदार अधिकारियों ने क्या कहा?

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प्रमोद मिश्रा

बलौदाबाजार, 29 जनवरी 2023

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के वन क्षेत्रों में लगातार हो रही वन्य प्राणियों की मौत कई सवाल खड़े कर रहा है । वन संपदा से आच्छादित जिले में शुमार बलौदाबाजार के वन क्षेत्र और वन क्षेत्र में रहने वाले वन्य जीव सुरक्षित नहीं हैं । दरअसल, बलौदाबाजार वन मंडल अंतर्गत दो दिन में दो बायसन की मौत हो गई, जिसमें एक सोनाखान रेंज एवं एक देवपुर में बायसन की मौत हो गई । वहीं बारनवापारा अभ्यारण्य में बनाये गए चारागाह के फेंसिंग तार में फंसकर एक नीलगाय की मौत हो गई है, जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया है। ऐसे में दो दिन में तीन वन्य जीवों की मौत होने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं । सवाल यह भी है कि अगर वन्य जीव वन में ही सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो फिर उनके लिए कौन सी जगह सुरक्षित रहेगी । वन्य प्राणियों की मौत के बाद वन अफसर की मौजूदगी में वन्य प्राणियों के शव को पोस्टमार्टम कराके जलाया गया।

 

 

 

आपको बता दे कि बलौदाबाजार वन मंडल में 3 माह से वन्य प्राणियों की जान लगातार जा रही है, चाहे ओ शिकार हो या आकस्मिक मौत । अब तक जिन वन्यजीवों की मौत हुई है उनमें हाथी, तेंदुआ, बायसन, नीलगाय शामिल है जो मौत के गाल में समा गए है । आखिरकार वन विभाग के अफसरो से वन एवं वन्यजीव की सुरक्षा में कहा पर चूक हो रही है । क्या रात्रिगस्त या पेट्रोलिंग में लापरवाही बरती जा रही है? ऐसा महसूस हो रहा है कि अब जंगल भी सुरक्षित नही रह गया है । न जाने जंगल के अंदर कितने वन्यजीव अकाल मौत के मुँह में समायेंगे और वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी नींद से जागकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करेंगे, बड़ा सवाल है ।

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डॉक्टर ने क्या कहा?

पशु चिकित्सक डॉ. लोकेश वर्मा ने बताया कि बायसन को कृमि की शिकायत थी। उम्रदराज हो जाने से भी उसकी मौत हो गई। मृत बायसन की उम्र 10-12 साल बताया गया। दूसरे बायसन की भी मौत उसी कारण से हुई ।

नीलगाय की मौत का जिम्मेदार कौन?

बारनवापारा अभ्यारण्य के कक्ष क्रमांक 127 में वन विभाग द्वारा चारागाह के लिए लगाए गए फेंसिंग तार में फसकर नीलगाय की मौत हो गयी । इसका जिम्मेदार कौन है? ये सबसे बड़ा सवाल है । जब नीलगाय फेंसिंग तार में फंसी उस समय वन विभाग के कर्मचारी कहाँ थे? क्या किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को भनक नहीं लगी? आगे भी ऐसी घटना अगर घटित होती है, तो क्या सामान्य और प्राकृतिक घटना मानकर अपने जवाबदारी से जवाबदार मुंह मोड़ लेंगे ।

क्या कहते हैं जिले के वनमण्डलाधिकारी?

इस मामले में हमने दूरभाष के जरिये जिले के वनमण्डलाधिकारी से बात की । D F O मयंक अग्रवाल ने बताया कि वन्य प्राणियों की मौत प्राकृतिक है, हमारे वन मण्डल में वन्य जीवों की संख्या काफी अच्छी है । प्राकृतिक मौत पर न हम कुछ कर सकते है और न आप और न कोई कुछ कर सकता है । बारनवापारा में जरूर नीलगाय की मौत फेसिंग तार में चिपकने की वजह से हुई है । लेकिन, नीलगायों में प्रजनन काफी तेजी से होता है ।

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