मीडिया24 इनसाइड स्टोरी डेस्क।
आरक्षण में अब आगे क्या?
छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर राज्य सरकार और राजभवन के बीच जारी है। ये संघर्ष खुले तौर पर अब मीडिया के सामने भी स्वीकारा जाने लगा है। वैसे इस सप्ताह फिर आरक्षण मामले में काफी कुछ हुआ। हाईकोर्ट में राज्य शासन की ओर से याचिका लगाई गई। राज्य सरकार की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पैरवी की। जिसके बाद जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने नोटिस जारी किया। छत्तीसगढ़ शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल सिर्फ सहमति या असमति दे सकते हैं, लेकिन बिना किसी वजह के बिल को इस तरह से लंबे समय तक रोका नहीं जा सकता। जिस लेटर को कांग्रेस के ऑफिशियल ग्रुप में एक पत्र डाला गया। जिसके बाद फिर राजभवन ने 10 फरवरी को बयान जारी करते हुए कहा कि ‘छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर ना होने के संबंध में राजभवन सचिवालय को जारी नोटिस पर रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राजभवन सचिवालय को आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर ना होने के संबंध नोटिस जारी किया था। उक्त नोटिस के विरुद्ध राजभवन सचिवालय द्वारा उच्च न्यायालय में रिकॉल एप्लीकेशन फाईल किया गया था।
रिकॉल एप्लीकेशन के माध्यम से उच्च न्यायालय में दलील दी गई कि भारत के संविधान में उल्लेखित अनुच्छेद 200 के अनुरूप विधानसभा द्वारा पारित किसी विधेयक को राज्यपाल अनुमति दे सकता है, रोक सकता है, राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रख सकता है। राज्यपाल के प्रतिनिधि के रूप में सचिव को भी इस आशय नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है।’
वैसे संविधान के विद्वान बताते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 361 में अपवाद है। जिसके मुताबिक भारत के संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार, अपने कार्यकाल के दौरान राज्यपाल के खिलाफ अदालत में आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती है। राष्ट्रपति या राज्यपाल, कार्यालय में किसी भी अदालत को अपनी शक्तियों के प्रयोग और निष्पादन के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नहीं हैं। देखना ये है कि आरक्षण का मामला और कितने ही विवादों और बयानी संघर्ष को जन्म देता नज़र आयेगा?
आरक्षण के विवाद के बीच अनुसुइया चलीं गईं मणिपुर
आरक्षण के गरमाये मामले के बीच छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के राज्यपाल बदल दिए गए हैं। अब छत्तीसगढ़ की राज्यपाल रहीं अनुसुइया उइके को मणिपुर का राजपाल बनाकर भेजा गया है। वहीं, बिश्वभूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल बनाया गया है। राज्यपाल बदले जाने के बाद ये तय है कि राजभवन सचिवालय के काज तो वैसे ही औपचारिकताओं के बीच जारी रहेंगे, वहीं जो तेवर राज्यपाल रहीं अनुसुइया उइके का रहा है, उसे राज्य के लोग और विशेष रुप से राजनीतिक दल के लोग भूले नहीं भूल पाएंगे।
मंच, माला, माइक से नहीं बनती सरकार!
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में मंगलवार को भाजपा के सभी 7 मोर्चा संगठनों की संयुक्त प्रदेश कार्यसमिति हुई। दिनभर चले इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने तल्ख लहजे में भाजपा कार्यकर्ताओं को समझाया और कहा कि मंच, माला और माइक से चुनाव नहीं जीते जाते और ना ही भाषण देने से कोई चुनाव जीते जाते हैं। वैसे पीएम आवास योजना, आरक्षण, धर्मांतरण, किसान, बेरोजगारी भत्ता, बढ़ते अपराध जैसे मुद्दों के बीच भूपेश बघेल से पार पाने की रणनीति पर चिंतन किया गया।
यहां के ‘अक्षय कुमार’ भी गज़ब के हैं!
भारतीय फिल्मों में वैसे खिलाड़ी कुमार के तौर पर अक्षय कुमार की चर्चा गाहेबगाहे होती रहती है। पिछले दिनों जब अक्षय कुमार रायगढ़ आए थे, तब उनका कई वीडियो जमकर वायरल हुआ। वैसे भारतीय पुलिस सेवा में भी एक युवा IAS के नवाचार की चर्चा PHQ में होती रहती है। हम बात कर रहे हैं मोहला मानपुर जिले के पुलिस अधीक्षक अक्षय कुमार की। अक्षय कुमार अचानक अतिसंवेदनशील क्षेत्र कोहका थाने में आधी रात को आकस्मिक निरीक्षण के लिए पहुंच जाते हैं। तो कभी आधी रात को ये पुलिस कप्तान थाने में उपस्थित स्टाफ से बातचीत की, उनका और व्यवस्थाओं का हाल जानने लग जाते हैं।
बस्तर आकर गांधी परिवार को साधते रहे नड्डा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा शनिवार को बस्तर पहुंचे। इसके साथ ही भाजपा ने छत्तीसगढ़ में इसी साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी बिगुल फूंक दिया। हालांकि जगत प्रकाश नड्डा के बस्तर पहुंचने से ठीक पहले नारायणपुर से भाजपा के जिला उपाध्यक्ष की नक्सलियों के द्वारा की गई हत्या से भाजपा की तैयारियों को झटका लगा है। जगदलपुर के लालबाग ग्राउंड पर भाजपा के द्वारा आयोजित आमसभा में छत्तीसगढ़ भाजपा के सभी बड़े नाम मौजूद थे। नारायणपुर के जिला उपाध्यक्ष सागर साहू को श्रद्धांजलि देते जगत प्रकाश नड्डा ने अपने भाषण में कहा कि भाजपा पार्टी के 18 करोड़ कार्यकर्ता नक्सलियों की हिंसा का जवाब देंगे। कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नड्डा ने यह भी कहा कि जब से भूपेश बघेल की सरकार आई है तबसे नक्सली हमले बढ़े हैं। द्रोपदी मुर्मू के अभिभाषण को आदिवासियों के सम्मान से जोड़ते हुए उन्होंने आदिवासियों से भाजपा को वोट देने की मांग की है। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके परिवार के बारे में अनेक टिप्पणी करते नजर आए। साथ ही कांग्रेस के इतिहास पर भी कई तरह की बातें उन्होंने जनसभा के दौरान साझा की और कांग्रेस पर तीखे प्रहार किए। हालांकि इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह ‘बस्तर की 14 सीटें’ और ‘जय प्रकाश नड्डा’ कहकर सोशल मीडिया में आलोचना झेलते नज़र आए।
हिंदू समाज का नया रुप
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में जो कुछ हुआ, उसे लेकर पूरे राज्य में धर्मांतरण के विरुद्ध सर्व हिंदू समाज ने तहसीलदार को ज्ञापन दिया और कांग्रेस सरकार को चेतावनी दी। साथ ही राज्य के कई हिस्सों में धर्मांतरण की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने, ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रार्थना सभा में प्रलोभन एवं यीशु के चमत्कार की झूठी कहानी गढ़ने वालों पर कड़ी कार्यवाही की मांग हो रही है। वैसे ये पहली बार हुआ जब राज्य में एक साथ, एक नियत समय पर हिंदू समाज एकत्रित हुआ। साथ ही संघ के अनेक अनुषांगिक संगठनों के साथ विशेष रुप से भाजपा के नेता हर जगह प्रदर्शनों में सम्मिलित हुए। खैर ये कहा जा रहा है कि अब आगे भी ऐसे प्रत्येक मुद्दों पर भाजपा के नेता आम कार्यकर्ताओं को तरह आगे रहकर प्रदर्शनों का हिस्सा बनते नज़र आएंगे।
अधिवेशन में छत्तीसगढ़िया छाप
कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन 24 से 26 फरवरी तक रायपुर में होगा। ऐसा पहली बार होगा जब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ये अधिवेशन होने जा रहा है। इस लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस भी पूरी तैयारियों के साथ जुट गई है। इस अधिवेशन में 15 हजार से ज्यादा नेता शामिल होंगे। साथ ही छत्तीसगढ़िया सरकार की योजनाओं की झलक अधिवेशन में आने वाले नेताओं को देखने मिलेगी। ज़ाहिर है, इस अधिवेशन से जहां कांग्रेस में उत्साह का माहौल है, वहीं आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज़ से ये अधिवेशन कांग्रेस के लिए बूस्टिंग डोज का काम करेगा।
संत सम्हालेंगे मोर्चा
‘मम दीक्षा हिन्दू रक्षा, मम मंत्र समानता’ को चरितार्थ करने के लिए छत्तीसगढ़ प्रांत के चारों दिशाओं से हिंदू स्वाभिमान जागरण एवं सामाजिक समरसता हेतु राज्य के संत समाज चार पवित्र स्थानों से पद यात्रा पर निकाल रहे हैं। यह यात्रा प्रान्त के 34 जिलों से होकर गुजरेगी। संत बताते हैं कि इस यात्रा का उद्देश्य गिरिकंदराओ, वनों, ग्रामों, झुग्गी वस्तिओं एवं नगरों में निवास करने वाले हिन्दू समाज बन्धुओं के बीच संगत (साग) और मंगल को माध्यम बनाकर, एकात्म एकरस संगठित हिन्दू समाज का प्रकटीकरण कर, हिन्दूभाव (स्वाभिमान) जागरण करना है। जो कि जाति-पाति भाषा पंथ क्षेत्र एवं राजनैतिक भेद भावों से उपर उठकर राष्ट्र निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका निभायेंगे। यात्रा में सम्मिलित होने वाले संत धर्मांतरण, लव जिहाद, गौतस्करी जैसे समसामयिक और गंभीर विषयों पर प्रहार करते नजर आएंगे। वहीं धर्मांतरण के शिकार होने वाले गरीब परिवारों के साथ बैठकर भोजन करेंगे और अनेक परिवारों के घर वापसी भी कराएंगे। वैसे इस यात्रा के समापन में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्री जगद्गुरु रामभद्राचार्य, रितेश्वर महाराज समेत देश के अनेक संत भी सम्मिलित होंगे। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ये यात्रा समाज में नए बदलाव के साथ कितना राजनीतिक बदलाव भी आगामी दिनों में ला सकती है।
(प्रिय पाठक बंधुओं, चूंकि छत्तीसगढ़ के लिए यह वर्ष चुनावी वर्ष है। ऐसे में आपका प्रिय और लोकप्रिय न्यूज़ संस्थान मीडिया24 न्यूज़ आज से नए साप्ताहिक कॉलम की शुरुआत कर रहा है। जिसमें हम राज्य के प्रमुख चर्चित मुद्दों को लेकर हर सप्ताह एक नया अंक आपके सामने प्रस्तुत करेंगे। आशा है हमारा यह नया प्रयास आपको अवश्य पसंद आएगा। आप अपना फीडबैक भी सीधे हम तक 9754303111 व 9329905333 इन दोनों नंबरों पर व्हाट्स एप संदेश के द्वारा साझा कर सकते हैं।)