प्रमोद मिश्रा, रायपुर, 29 अप्रैल 2023
जंगल सफारी में 29 दिन इलाज करने के बाद बाघिन को शुक्रवार की रात अचानकमार टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में शिफ्ट कर दिया गया है। अब शनिवार की सुबह अचानकमार के कोर एरिया में उसे छोड़ा जाएगा। बाघिन ने सरगुजा के ओड़गी ब्लॉक में दो ग्रामीणों की जान ली थी। एक ग्रामीण बाघिन के हमले में घायल हुआ था। बाघिन से बचने के लिए ग्रामीण युवकों ने उस पर हमला किया था। इस दौरान वह बुरी तरह से घायल हो गई थी। घायल बाघिन को इलाज के लिए जंगल सफारी लाया गया था।
इलाज के बाद 4 डाक्टरों की टीम ने उसका परीक्षण करते हुए जंगल में छोड़ने के काबिल माना। उसके बाद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन सुधीर अग्रवाल ने उसे अचानकमार के जंगलों में छोड़ने का निर्णय लिया।
वन विभाग के अफसरों के अनुसार अचानकमार के जंगलों में बाघिन के लायक पर्याप्त मात्रा में शिकार है। इस वजह से वहां उसे रहने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
इलाज के 3 दिन बाद से ही दहाड़ने लगी जंगल सफारी में इलाज के 3 दिन बाद से ही बाघिन दहाड़ने लगी थी। रेस्क्यू सेंटर में रहने के दौरान वह इतनी एक्टिव थी कि विशेषज्ञों ने उसे जंगल में छोड़ने के लिए फिट माना।