विश्व हिंदू परिषद मातृशक्ति का प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग हुआ संपन्न, बड़ी संख्या में महिलाएं हुई शामिल

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प्रमोद मिश्रा

बलौदाबाजार, 02 मई 2023

विश्व हिंदू परिषद मातृशक्ति का प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग 26 से 28 अप्रैल तक बलौदा बाजार जिले के भाटापारा के शिशु मंदिर में संपन्न हुआ। वर्ग का शुभारंभ उद्घाटन सत्र में भारत माता और राम दरबार के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन पूजन अर्चन महंत वेद प्रकाश महाराज प्रांत धर्माचार्य सह प्रमुख, क्षेत्रीय संयोजिका सुनीता गर्ग, प्रांत संयोजिका सरिता यादव,प्रांत उपाध्यक्ष प्रेमलता बिसेन, प्रांत सह मंत्री घनश्याम चौधरी ने किया । सत्र प्रारंभ में महंत वेद प्रकाश महाराज के आशीर्वचन उपरांत मुख्य वक्ता सुनीता गर्ग के द्वारा देश व समाज के विकास में महिलाओं की भूमिका विषय पर प्रबोधन किया गया। सांय कालीन सत्र में समता ,खेलो एवं सत्संग का आयोजन किया गया।

 

 

 

रात्रि कालीन सत्र में मनोरंजन सत्र पश्चात दीप निर्वाण किया गया । प्रशिक्षण की द्वितीय दिवस में प्रातः जागरण योग शिक्षा व्यायाम प्राणायाम के साथ प्रारंभ हुआ ‌अभ्यास वर्ग में वर्ग गीत का अभ्यास कराया गया। बौद्धिक सत्र में अध्यात्म ही मातृत्व विषय पर मुख्य वक्ता इंदौर से केंद्रीय सह संयोजिका मातृशक्ति सरोज सोनी रहीं।उन्होंने बताया कि अपनी आजीविका के लिए भविष्य वर्तमान के लिए भूतकाल से अपनी चरण चिह्न छोड़ती हुई स्त्री स्वयं अनुकरणीय है। शक्ति सबके साथ है–शस्त्र के रूप में भी और शास्त्र के रूप में भी, मन बुद्धि,आत्मा में भी और अहंकार क्रोध में भी। इस प्रकार शक्ति सृजनकर्ता भी है और विध्वंसकर्ता भी। शक्ति का प्रयोग पवित्रता सत्यता और सम्मान के लिए होना चाहिए।

द्वितीय सत्र में चर्चा सत्र संगठन एवं कार्यकर्ता निर्माण विषय पर सरिता यादव प्रांत संयोजिका मातृशक्ति द्वारा प्रशिक्षणार्थियों के साथ चर्चा किया गया। कृति सत्र में सरिता यादव प्रांत संयोजिका मातृशक्ति और तुलेश्वरी धुरंधर के द्वारा बाल संस्कार केंद्र के संचालन की शिक्षण दी गई।

तृतीय दिवस के प्रथम जानकारी सत्र में दुर्ग से प्रांत विशेष संपर्क अधिकारी मातृशक्ति डॉक्टर मानसी गुलाटी जी स्त्री रोग विशेषज्ञ के द्वारा स्त्री विमर्श विषय पर जानकारी दी गई जिसमें उन्होंने मातृशक्ति की भ्रूण अवस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक आने वाली विभिन्न शारीरिक परिवर्तनों एवं समस्याओं और उनके वैज्ञानिक आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ प्राचीन सनातनी औषधि घरेलू चिकित्सा के माध्यम से समाधान बताया उन्होंने बताया कि बच्चों को संस्कार भ्रूण अवस्था से ही देना चाहिए।

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द्वितीय सत्र संवाद सत्र में युगल देवांगन विभाग बौद्धिक शिक्षण प्रमुख द्वारा विभिन्न प्रकार के जिहाद विषय पर प्रशिक्षण क्यों के साथ संवाद किया गया इस दौरान उन्होंने जिहाद का अर्थ बताते हुए शिक्षा, व्यापार ,लव,लैंड और जनसंख्या जिहाद पर संवाद किया। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद प्रांत कार्य अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा उपस्थित रहे।

समापन सत्र में प्रांत अध्यक्ष श्री संतोष गोलछा कुटुंब प्रबोधन विषय पर बौद्धिक दिया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि हमारा संस्कार आचार व्यवहार मान्यता से ओतप्रोत है हम वसुदेव कुटुंबकम पर विश्वास करने वाले हैं प्राचीनकाल से ही हमारे परिवार के निर्णय अप्रत्यक्ष रूप से घर के बड़े बुजुर्ग विशेष तौर पर मात्रृशक्तियों की सहमति असहमति जान कर ली जाती थी भले ही प्रत्यक्ष रूप से पिता दिखाई देते थे किंतु वर्तमान समय में बच्चे एकल परिवार में रहते हैं और अपने निर्णय स्वयं लेने लगे हैं जिसके कारण समाज में बहुत ही विकृति आई है जिसका समाधान केवल और केवल मां द्वारा दी जाने वाली संस्कारों से संभव है अतः मातृशक्ति को आवश्यकता है कि आधुनिक संस्कृति आवश्यकतानुसार ग्रहण करते हुए प्राचीन कालीन सनातनी संस्कृति का शिक्षण अपनी संतति को अवश्य देना चाहिए। इस दौरान नगर संघ कार्यवाह बिहारी अग्रवाल जी उपस्थित रहे।

मात्रृशक्ति पर समाज उत्थान और राष्ट्र निर्माण का दायित्व : सरिता यादव

प्रशिक्षण में आने वाली बहनों का उनके द्वारा किए गए प्रशिक्षण में कुशलता से भाग लेने उपरांत मातृशक्ति के कार्य विस्तार कर विश्व हिंदू परिषद के एक सशक्त आयाम के रूप में मातृशक्ति समाज और संस्कृति के निर्माण में सशक्त भूमिका निभा सके।

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मातृशक्ति प्रांत संयोजिका सरिता यादव ने बताया कि इतिहास इस सत्य का साक्षी है कि विश्व की महान से महान चरित्रवान व्यक्तियों के चरित्र को गढ़ने बनाने में उस परिवार की माताओं का सबसे बड़ा योगदान रहा है चाहे वह महाराज शिवाजी रहे या लाल बहादुर शास्त्री और चाहे वह लाला लाजपत राय हो या ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी उन सब के चरित्रों को उनकी माताओं के चरित्रों की दृढ़ता ,निष्ठा , संकल्प और लक्ष्य सिद्धि के संस्कारों ने ही महान उपलब्धियों की ओर प्रेरित किया था।

मात्रृशक्ति सेवा की जीवंत प्रतिमा है। उनके ममत्व का कभी अंत नहीं होता ‌मात्रृशक्ति का भारतीय संस्कृति में सर्वोच्च स्थान है। ब्रह्मांड के प्रत्येक तत्व में निहित व हर तत्व की सृजनकर्ता मातृशक्ति ही है। इसलिए हिंदू धर्म के अनुसार मातृशक्ति को सच्चिदानंदमय ब्रह्म स्वरूप भी कहा गया है। सरिता यादव ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व हिंदू परिषद के सभी आयाम, सरस्वती शिशु मंदिर भाटापारा, सभी समाज के पदाधिकारी व कार्यकर्ता का हृदय से आभार प्रकट करती हूं जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस आयोजन में अपनी सहभागिता दी है। और यह भी कहा कि अब यह अभ्यास वर्ग समस्त विभाग व जिलों में होगा ताकि मातृशक्ति और भी सशक्त बनकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।

विशेष आभार सुशील भूषानिया विभाग समरसता प्रमुख, अभिषेक तिवारी जी, राजेश केसरवानी जी, जिला मंत्री विहिप बलौदाबाजार, रवि वर्मा जी जिला संयोजक बजरंग दल, सुनीता सोनसरे प्रांत सह संयोजिका मुख्य शिक्षिका मातृशक्ति भारती सिंह ठाकुर प्रांत शक्ति साधना केंद्र प्रमुख, कुमारी दीप्ति वर्मा, दुबेरा चक्रधारी, भरत चक्रधारी, नारायण यादव, विकास साहू, तेजस साहू, लोकेश्वर साहू पुष्पेंद्र चक्रधारी अंशु योगी वासु आदिल का रहा ।

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