जम्मू-कश्मीर: बारामूला में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों में मुठभेड़, दो आतंकी ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी

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प्रमोद मिश्रा, जम्मू 04 मई 2023

जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ के खिलाफ सुरक्षाबलों का ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ जारी है. गुरुवार सुबह बारामूला के वनिगम पयीन क्रीरी इलाके में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया. सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली है और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है. इससे पहले सुरक्षाबलों ने बुधवार को भी दो आतंकवादियों को मार गिराया था. आतंकियों के पास से एक AK 47 बरामद हुई है.

तलाशी अभियान जारी
दरअसल बारामूला में सुरक्षाबलों को गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष इनपुट मिला था जिसके बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया. इसी दौरान आतंकवादियों की तरफ से फायरिंग शुरू कर दी गई जिसके बाद सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादियों को मार गिराया. खबर अपडेट किए जाने तक मुठभेड़ जारी थी और सुरक्षाबलों ने सभी एंट्री और एग्जिट करने वाले रास्तों को बंद कर दिया है.

एडीजीपी कश्मीर ने मारे गए आतंकियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘दोनों स्थानीय आतंकवादी हैं, प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर से जुड़े हुए हैं. इनकी पहचान शोपियां जिले के शाकिर माजिद नजर और हनान अहमद सेह के रूप में हुई है. दोनों मार्च 2023 में आतंकी बने थे. आगे की जांच जारी है.’

बुधवार को ही जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान माछिल सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया था. आतंकवादियों द्वारा यहां नियंत्रण रेखा के समीप से घुसपैठ की कोशिश की गई थी.

पुंछ में हुआ था आतंकी हमला
कुछ हफ्ते पहले ही आतंकवादियों ने पुंछ में सेना के काफिले को निशाना बनाकर हमला किया था जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे. पुंछ आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने इसके बाद फिर से हमला करने की धमकी दी थी. पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट, जैश-ए-मोहम्मद का समर्थित संगठन है. अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट जैश के प्रॉक्सी आउटफिट के तौर पर उभरा था.

आतंकियों के खिलाफ जारी है एक्शन
आपको बता दें कि इस समय घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या 50 के आसपास है. इसके अलावा घाटी में वर्तमान में 20-24 विदेशी आतंकी हैं. केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक, 30-35 आतंकी स्थानीय हैं और बाकी विदेशी आतंकी हैं. डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि हमने चारों तरफ से आतंक के इको सिस्टम को घेर लिया है. चाहे वह पत्थरबाजों पर कार्रवाई हो या अलगाववादी, फाइनेंसरों पर कार्रवाई हो या सीमा पार से ड्रोन के जरिए आने वाले हथियारों को जब्त करना हो. पुलिस और सुरक्षाबलों ने काफी हद तक आतंकवाद पर काबू पाने में कामयाबी हासिल की है. जहां साल 2017 से जब आतंकियों की संख्या 350 थी, वही अब उनकी संख्या दो अंकों में आ गई है.

 

 

 

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