प्रमोद मिश्रा, 21 मई 2023
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का शपथ ग्रहण समारोह विपक्षी दलों की एकता का शक्ति प्रदर्शन बन गया। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह में कई समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं को आमंत्रित किया। समारोह में मंच पर उपस्थित विपक्षी नेताओं को देखने के बाद कई अनुमान लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस ने आने वाले दिनों में अपने गठबंधन में शामिल होने वाले संभावित दलों के नेताओं को ही इस समारोह में आमंत्रित किया था। देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे। सीएम नीतीश कुमार के साथ आरजेडी के वरिष्ठ नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मंच साझा करते नजर आए। समारोह में सिद्धरमैया के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ही सेंटर में नजर आए। जबकि सीएम नीतीश कुमार राहुल गांधी और खरगे के बाद मंच पर उपस्थित थे। वहीं समारोह में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का उपस्थित रहना भी उनके बढ़ते राजनीतिक कद और प्रभाव की ओर इशारा करता है।
नीतीश कुमार कई महीने से एकजुटता के लिए प्रयासरत
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ महीनों से नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रयास के तहत वे कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। विपक्षी एकता को लेकर नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल, झारखड, ओडिशा और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों का दौरा भी चुके हैं। आने वाले दिनों में बिहार की राजधानी पटना में विपक्ष के प्रमुख नेताओं की एक बैठक हो सकती है।
सीएम नीतीश को मल्लिकार्जुन खरगे ने खुद किया आमंत्रित
बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकता प्रदर्शित करने के लिए मंच पर जरूर उपस्थित रहे। लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की ही चली। शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन अन्य दलों के नेताओं को बोलने का अवसर नहीं मिला। बाद में नीतीश कुमार ने इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा एक महत्वपूर्ण चुनाव था। साथ ही सिद्धारमैया से उनकी पुरानी दोस्ती है।
कर्नाटक से नीतीश कुमार पहुंचे दिल्ली
नीतीश कुमार सिद्धरमैया के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद शनिवार देर शाम दिल्ली पहुंचे। वे रविवार को दिल्ली में विपक्षी नेताओं नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस मुलाकात में बिहार में विपक्षी एकता को लेकर बैठक के लिए तिथि तय करने को लेकर बात हो सकती है। नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी दिल्ली पहुंचे।
सीएम हेमंत के साथ आलमगीर आलम और राजेश ठाकुर भी बेंगलुरु गए
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के साथ ग्रहण समारोह में शामिल के लिए कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम भी बेंगलुरु गए थे। हेमंत सोरेन के साथ विशेष विमान से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी बेंगलुरु पहुंचे थे। लेकिन समारोह में देश भर के सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं और उनके प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। इस कारण आलमगीर आलम और राजेश ठाकुर को मंच पर पहुंचने में सफलता नहीं मिली।
राष्ट्रीय राजनीति में हेमंत सोरेन का कद बढ़ा
झारखंड में कांग्रेस के समर्थन से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार चल रही है। इस सरकार में आरजेडी शामिल है। वर्ष 2024 में झारखंड में लोकसभा के बाद झारखंड विधानसभा के चुनाव होने हैं। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी ने हेमंत सोरेन के चुनाव में लड़ा था। इस चुनाव में बीजेपी 25 सीट पर सिमट गई थी। महागठबंधन को बहुमत से कहीं ज्यादा सीटें मिलीं। यूपीए अब उस प्रदर्शन को झारखंड में दोहराना चाहेगी। यह एक तरह से यूपीए में हेमंत सोरेन के बढ़ते कद का भी संकेत है। हेमंत सोरेन शपथ ग्रहण समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठे थे। जबकि गहलोत के बगल में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे थे।