प्रमोद मिश्रा, 3 जून 2023
नई दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने शुक्रवार को कहा कि हर कोई चाहता है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI)के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों (Wrestlers Protest) को इंसाफ मिले, लेकिन यह कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही संभव है. ठाकुर के इस बयान से दो दिन पहले शीर्ष पहलवानों ने अपने मेडल हरिद्वार में गंगा नदी में बहाने की धमकी दी थी. खेल मंत्री ने कहा, “सरकार भी निष्पक्ष जांच चाहती है. हम सभी चाहते हैं कि न्याय मिले, लेकिन इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करना होगा.”
अनुराग ठाकुर ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ के इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में एक सवाल के जवाब में ये बातें कही. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है, जो बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सरकार द्वारा नियुक्ति समिति की रिपोर्ट के बाद दर्ज किया गया था.
उन्होंने कहा, “कोई भी खिलाड़ी हो या महिला हो, अगर कोई अत्याचार हुआ है तो उसे जल्दी इंसाफ मिलना चाहिये. पहलवानों का जो मामला है , वह सात साल पुराना है. इसी साल जनवरी में हमने उनसे पूछा भी था कि कोई एफआईआर दर्ज करनी है, तो उन्होंने कहा था कि वे सिर्फ सरकार का दखल चाहते हैं.”
क्या आरोपी बीजेपी सांसद होने की वजह से कार्रवाई में देरी हो रही है? इसके जवाब में अनुराग ठाकुर ने कहा, “पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं है. हम सभी जांच जल्दी पूरी होने के पक्ष में हैं.” ठाकुर ने कहा, “सरकार ने पहलवानों की हर बात मानी. आरोपों की जांच के लिए कमेटी का भी गठन किया गया, जिसमें उनके कहने पर सदस्य जोड़े गए. इसके अलावा भारतीय ओलंपिक संघ ने डब्ल्यूएफआई के कामकाज के संचालन के लिये प्रशासकों की कमेटी बनाई गई.”
जांच पूरी होने तक धैर्य रखें पहलवान- अनुराग ठाकुर
इससे पहले केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि पहलवानों को आरोपों की जांच पूरी होने तक इंतजार करना चाहिए. ठाकुर ने कहा, “मैं पहलवानों से जांच के परिणाम तक धैर्य रखने का आग्रह करता हूं. उन्हें (पहलवानों को) ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे खेल या खिलाड़ी का नुकसान हो. हम सभी खेल और खिलाड़ी के पक्ष में हैं.”
आरोप साबित हुए तो फांसी लगा लूंगा-बृजभूषण
इस बीच, मंगलवार को डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि दोषी साबित होने पर वह फांसी पर चढ़ने को तैयार हैं. बृजभूषण सिंह ने कहा, ‘अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित होता है, तो मैं खुद को फांसी लगा लूंगा. अगर आपके (पहलवानों) पास कोई सबूत है, तो उसे अदालत में पेश करें और मैं कोई भी सजा स्वीकार करने के लिए तैयार हूं.’
कब से चल रहा पहलवानों का धरना?
बता दें कि 18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया. आरोप लगाया कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया. 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई.
इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा. 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की.