प्रमोद मिश्रा, 3 जून 2023
छत्तीसगढ़ के कोरबा में 15 गांवों के भू विस्थापितों ने रोजगार, बसाहट और मुआवजा से जुड़ी समस्या को लेकर रैली निकाली। एसईसीएल के खिलाफ नाराजगी जताते हुए रैली में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि, लम्बा समय बीतने पर भी उनकी समस्या यथावत है। चेतावनी दी है कि अगर 20 दिन के भीतर मसला हल नहीं किया गया तो वे कुसमुंडा खदान को बंद करने के लिए बाध्य होंगे। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और प्रबंधन की होगी। विस्थापित समुदाय इसे लेकर ज्ञापन भी प्रशासन को सौंपा है।
नवतपा के अंतिम दिन भूविस्थापित समुदाय ने हसदेव पुल से कोरबा जिला कार्यालय के लिए पदयात्रा की गई। इसमे प्रभावित पुरुष और महिलाओं की भागीदारी थी। गर्मी की परवाह नहीं करते हुए ये लोग बैनर पोस्टर के साथ रैली का हिस्सा बने। इसमें 15 गांव के लोग शामिल थे। कहा कि, एसईसीएल हमारी बात को गंभीरता से नहीं ले रहा है। इसलिए प्रशासन को अंतिम चेतावनी देने की कोशिश की जा रही है। आरोप लगाया कि, कोल इंडिया की एक जैसी नीति होने पर भी कोरबा में कम्पनी मनमानी पर उतारू है।