Chhatishgarh Election: छत्तीसगढ़ में चुनावी वादे पूरा करने की कवायद में बढ़ा कर्ज! हर महीने की ब्याज 460 करोड़ रुपए

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा,11 जून 2023

रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान किए गए किसानों की कर्जमाफी, बेरोजगारों को भत्ता, धान के समर्थन मूल्य में इजाफा और ग्रामीणों को आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने के वादों को पूरा करने की कोशिश में कर्ज का बोझ बढ़ाया है। बीते साढ़े चार सालों में राज्य पर 54 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज बढ़ा है। बीते दो सालों से राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति सुधरी है, यही कारण है कि आधिक्य का बजट आ रहा है। छत्तीसगढ़ वर्ष 2000 में अस्तित्व में आया था, उसके बाद की राज्य की आर्थिक स्थिति पर गौर करें तो बीते 23 साल में एक लाख पांच हजार करोड़ का कुल कर्ज लिया गया है। कुछ कर्ज चुकाया भी गया है।

राज्य में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद जनवरी 2019 से मार्च 2023 तक 54 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लिया गया है। वर्तमान में कुल कर्ज 84 हजार करोड़ से ज्यादा है। कर्ज के ब्याज के तौर पर 460 करोड़ रुपए प्रति माह का भुगतान किया गया।

 

 

 

2018 में किया था कर्जमाफी का वादा
राज्य में कांग्रेस वर्ष 2018 में हुए विधानसभा के चुनाव में किसानों की कर्जमाफी का सबसे बड़ा वादा लेकर मैदान में उतरी थी। चुनाव जीतने के बाद उसने अपने इस वादे पर अमल भी किया। इसके चलते किसानों का लगभग 9278 करोड़ रुपए का कर्ज भी माफ किया गया, इसके अलावा लगभग पांच सौ करोड़ सिंचाई कर्ज की भी माफी हुई। किसानों को सरकार की ओर से लगभग छह हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी भी मुहैया कराई जाती है तो वहीं धान का समर्थन मूल्य भी ढाई हजार रुपये किया गया है। बेरोजगार युवाओं को ढाई हजार रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए गौशालाओं की स्थापना हुई, गौठान बनाए गए, रुलर पार्क बनाए गए और गोबर तथा गौ मूत्र की खरीदी की जा रही है।

सरकार के इन फैसलों ने जहां ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल रहा है वही बेरोजगारों को भत्ता मिलने लगा है। कांग्रेस की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या कोरोना महामारी के दो साल रहे हैं, जिनमें एक तरफ जहां सरकार को अपने वादों को पूरा करना था तो वहीं दूसरी ओर सरकार को अपने खजाने को भरना चुनौतीपूर्ण रहा। कुल मिलाकर एक तरफ जहां आय के रास्तों पर अवरोध रहे तो दूसरी ओर वादों को पूरा करने के लिए धनराशि की जरूरत हुई और सरकार को बड़े पैमाने पर कर्ज लेना पड़ा।

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छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सबसे कम
राज्य में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे प्रयासों का ही नतीजा है कि छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में से एक है जहां बेरोजगारी दर सबसे कम है। इतना ही नहीं, आर्थिक स्थिति में बदलाव का बड़ा संकेत इस बात से भी मिला है कि राज्य में दोपहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री न केवल बढ़ी है बल्कि इन वाहनों की कंपनियों के शोरूम भी कई नए इलाकों में खुले हैं। राज्य सरकार का एक और बड़ा वादा कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना है, इसे सरकार ने लागू कर दिया है, वर्ष 2003 के बाद पदस्थ हुए कर्मचारी अभी सेवा निवृत्त नहीं हुए है, इसलिए सरकार पर बोझ नजर नहीं आया है।

आगामी कुछ वर्ष बाद कर्मचारी सेवा निवृत्त होंगे, क्योंकि नई पेंशन योजना वर्ष 2003 के बाद ही लागू हुई थी। कर्मचारी आम तौर कम से कम 20 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होता है, यही कारण है कि इस श्रेणी के कर्मचारी अभी सामने नहीं आए है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा का कहना है कि राज्य में 15 साल भाजपा की सरकार रही और उसने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया, फिर भी 41 हजार करोड़ का कर्ज लिया, कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने राज्य के हर वर्ग की स्थिति में सुधार लाने के लिए पहले दो साल कर्ज लिया, मगर बीते दो साल से सरकार का आधिक्य का बजट आ रहा है।

किसानों का कर्ज माफ हुआ, किसानों को सब्सिडी दी जा रही है, भूमिहीनों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। यह स्थिति तब है जब केंद्र की ओर से राज्य के बकाया का भुगतान नहीं किया जा रहा है। केंद्र के पास राज्य की लगभग 55 हजार करोड़ की क्षतिपूर्ति की राशि लंबित है, अगर यह राशि मिल जाए तो राज्य कर्ज मुक्त हो जाएगा। केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं में राज्यांश के बढ़ाने का काम किया है।

बीजेपी ने कांग्रेस पर बोला हमला
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रंजना साहू ने राज्य की भूपेश बघेल सरकार को घोटालों, कमीशनखोरी की सरकार बताते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में छत्तीसगढ़ का सालाना बजट महज छह हजार करोड़ रुपए का होता था जबकि भाजपा के शासनकाल में यही बजट 90 हजार करोड़ रुपए का हुआ। कांग्रेस के शासनकाल में किसानों से पांच लाख टन धान खरीदा जाता था, वह भाजपा शासनकाल के 15 वर्षों में 15 गुना बढ़ा। कांग्रेस की मौजूदा प्रदेश सरकार धान खरीदी के नाम पर गिरदावरी और रकबा कटौती कर किसानों को हैरान कर रही है। भाजपा ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के चरण पादुका, छात्रवृत्ति जैसी योजनाएं शुरू की तो कांग्रेस की मौजूदा सरकार में इन योजनाओं का कहीं कोई पता नहीं है।

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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक साहू ने कहा कि साढ़े चार साल में घोटालों, भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी की सारी हदें कांग्रेस की मौजूदा प्रदेश सरकार ने लांघ दी है। कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने न केवल केन्द्र से जनकल्याण की योजनाओं के लिए मिली राशि को भ्रष्टाचार करके लुटाया, बल्कि गरीबों के हजारों क्विंटल मुफ्त अनाज पर डाका डालने का काम किया। अब छत्तीसगढ़ में दो-दो हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले हो रहे हैं।

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