प्रमोद मिश्रा, 06 जुलाई 2023
छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर के मैनपाट क्षेत्र में बॉक्साइट खनन के बाद असुरक्षित छोड़े गए गड्ढे में डूबने से 11 साल की बच्ची की मौत हो गई। बारिश में इन गड्ढों में पानी भर जाने के बाद बच्ची नहाने के लिए वहां पहुंची थी। हादसे की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बताया जा रहा है कि साल भर में इन गड्ढों में डूबने से चार लोगों की जान जा चुकी है। बालको ने उत्खनन करने के बाद इन गड्ढों को खुला छोड़ दिया था। जिसके बाद अब हादसे हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, ग्राम केसरा निवासी 11 वर्षीय बालिका सच्ची यादव पुत्री कैलाश यादव बुधवार दोपहर अपनी सहेलियों के साथ बाक्साइट खदान के गड्ढे में भरे पानी में नहाने गई थी। नहाने के दौरान वह गहराई में चली गई और डूब गई। उसे डूबता देख भागकर अन्य बालिकाएं गांव में पहुंची और लोगों को इसकी सूचना दी। लोग मौके पर पहुंचे और मशक्कत के बाद सच्ची को बाहर निकाला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। हादसे से परिजनों और ग्रामीणों में रोष है।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले सालों में बाक्साइट के इन गड्ढों में चार जानें जा चुकी हैं। मैनपाट क्षेत्र के कुदारीडीह, सपनादर, केसरा एवं बरिमा में बड़ी संख्या में बाक्साइट निकाले जाने के बाद खदानें असुरक्षित ढंग से छोड़ दी गई हैं। मैनपाट क्षेत्र में पूर्व में बालको को बाक्साइट उत्खनन का लीज मिली थी। खनिज खनन के बाद भूमि को फिर समतल कर पौधरोपण का भी अनुबंध होता है। लेकिन अधिकारियों ने इसकी हमेशा अनदेखी की और खनिज उत्खनन के बाद इन गड्ढों को असुरक्षित छोड़ दिया।