ठगी के आरोपी शिक्षक पर जल्द होगी निलंबन की कार्यवाही : नौकरी लगाने के नाम पर पैसे की ठगी करने वाले शिक्षक दिलहरण देवांगन स्कूल से है लगातार अनुपस्थित, जिला शिक्षा अधिकारी बोले : “तनख्वाह भी कटेगी…निलंबन की भी होगी कार्यवाही..”

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 04 अगस्त 2023

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कसडोल थाना के कटगी के रहने वाले शिक्षक दिलहरण देवांगन पर जल्द ही निलंबन की कार्यवाही हो सकती है । दरअसल, पेशे से सरकारी शिक्षक दिलहरण देवांगन के खिलाफ धारा 420 के तहत पैसे लेकर नौकरी न लगाने के आरोप में कसडोल थाना में मामला दर्ज है । आरोपी दिलहरण देवांगन बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक के उमरिया दादर में शिक्षक वर्ग 1 के पद पर पदस्थ हैं ।

 

 

 

आपको बताते चलें कि कसडोल थाना में आरोपी दिलहरण देवांगन के विरुद्ध अरुण देवांगन ने अपराध पंजीबद्ध कराया है कि उसने उसकी पत्नी और उसके भाई के नौकरी लगाने के नाम पर साथ ही सरवानी के तीन व्यक्तियों की नौकरी लगाने के नाम पर 20 लाख से अधिक की धोखाधड़ी की है । आरोपी दिलहरण देवांगन ने वार्ड ब्वॉय, नर्स, मंडी निरीक्षक के साथ वनरक्षक के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी भी की है ।

क्या कहा जिला शिक्षा अधिकारी ने?

मिली जानकारी के अनुसार एफआईआर दर्ज होने के बाद से आरोपी शिक्षक दिलहरण देवांगन स्कूल नहीं जा रहा है । ऐसे में स्कूली बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है । इस मामले को लेकर बिलासपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार कौशिक ने कहा है कि आरोपी शिक्षक पर गिरफ्तार होते ही 24 घंटे के अंदर निलंबन की कार्यवाही की जाएगी साथ ही स्कूल न जाने की बात पर जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि उनकी तनख्वाह नहीं बनेगी । जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक की लगातार अनुपस्थिति पर कहा कि अगर शिक्षक बिना कारण बताए स्कूल नहीं जा रहा है, तो शासन के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी ।

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पुलिस के हाथ अब भी खाली

बलौदाबाजार जिले की कसडोल थाना के स्मार्ट पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं । दरअसल, 29 जून 2023 को कसडोल थाने में अरुण कुमार देवांगन ने पेशे से शिक्षक दिलहरण देवांगन के ऊपर पैसे लेकर नौकरी नहीं लेने का आरोप लगाया था, जिस पर कसडोल थाने में 29 जून को ही आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया था ।
एफ आई आर दर्ज होने के 33 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं ।

कैसे की ठगी?

आपको बताते चलें कि आरोपी दिलहरण देवांगन ने प्रार्थी अरुण कुमार देवांगन से उसके भाई किशोर कुमार देवांगन को वार्ड बॉय की नौकरी एवं पत्नी प्रमिला देवांगन को नर्स की नौकरी लगाने के नाम पर 11 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी साथ ही सरवानी निवासी दीपांशु कोसले को वन रक्षक के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर चार लाख और राकेश कोसले से वनरक्षक के पद पर ही नौकरी लगाने के नाम पर भी 4 लाख रूपए लिए थे साथ ही यशवंत बंजारे से मंडी निरीक्षक के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर 4 लाख 50 हजार आरोपी द्वारा लिया गया था ।

पुश्तैनी जमीन को गिरवी रखकर दिया पैसा

प्रार्थी अरुण कुमार देवांगन ने अपने भाई और अपने पत्नी की नौकरी लगाने के लिए आरोपी दिलहरण देवांगन को अपनी पुश्तैनी जमीन को गिरवी रखकर पैसा दिया था, बावजूद इसके ना तो उसके भाई और उसकी पत्नी की नौकरी लगाई गई और ना ही उसका पैसा वापस किया गया ।

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ऐसे में पीड़ित पक्ष अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है और पुलिस द्वारा भी न्याय नहीं मिलने पर गृह मंत्री से मुलाकात कर उनसे आग्रह करने की बात कर रहा है ।

 

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