बीजापुर: फुल टाइम काम के बदले टीचर को पार्ट टाइम का पेमेंट, अनुदेशक बोले- 10 हजार में नहीं होता गुजारा

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा, 07 अगस्त 2023

बीजापुर जिले में संचालित राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत संचालित 28 पोटाकेबिन में कार्यरत 450 अनुदेशकों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर बीते दिनों रैली निकालकर प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा।

जिले के भैरमगढ़, उसूर, भोपालपटनम व बीजापुर ब्लॉक में राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित 28 पोटाकेबिनो में आवासीय शिक्षा ले रहे 15000 बच्चों को 24 घण्टे रहकर शिक्षा दे रहे 450 अनुदेशकों को फुल टाइम जॉब के बदले पार्ट टाइम टीचर का भुगतान किया जा रहा हैं। जिससे अनुदेशक संघ में असंतोष व्याप्त हैं। अनुदेशक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष गोविंद गांधरला ने का कहना है कि हजारों बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़कर अनुदेशक पढ़ाई करवा रहे हैं। इसमें प्राथमिक व उच्च प्राथमिक क्लास शामिल हैं। अनुदेशक द्वारा शैक्षणिक कार्य के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग कक्षाएं, खेलकूद, योगा, कम्प्यूटर, शिक्षा, स्वास्थ्य व देखरेख आदि के काम 24 घण्टे संस्था में रहकर की जाती हैं।

 

 

इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर बच्चों का सर्वे कर संस्था में दाखिला दिलाया जाता हैं। अध्यक्ष गांधरला ने बताया कि इस सारे कामों के बदले अनुदेशकों को प्रतिमाह महज 10 हजार रुपये का मानदेय दिया जाता हैं। बढ़ती महंगाई से इतने कम मानदेय में आवश्यकताओं की पूर्ती संभव नहीं हैं। अनुदेशक संघ के अध्यक्ष का कहना है कि 14 साल से 24 घण्टे काम लिया जा रहा है। उसके समतुल्य मानदेय दिया जाए। जबकि राज्य परियोजना कार्यालय के द्वारा पार्ट टाइम टीचर के नाम से ही मानदेय दिया जा रहा हैं। वर्ष 2009 -10 से चतुर्थ श्रेणी में रखकर निरंतर शैक्षणिक कर रहे हैं। कार्य अनुभव व डीएलएड प्रशिक्षित के आधार पर प्राथमिकता देते हुए तृतीय श्रेणी में रखा जाए।

संघ की 4200 ग्रेड पे की मांग
अनुदेशक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष गोविंद गांधरला ने बताया कि अनुदेशकों की नियुक्ति वर्ष 2011 में हुई थी। उस वक्त उनका मानदेय 4940 रुपये था। चार साल बाद वर्ष 2015 में मानदेय बढ़कर 7 हजार रुपये किया गया। इसके बाद वर्ष 2018 में चुनाव से पहले 23 दिनों की हड़ताल के बाद मानदेय बढ़ाकर 10 हजार कर दिया गया। लेकिन महंगाई व काम के बदले ये नाकाफी हैं।

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