मराठा आरक्षण आंदोलन खत्म: सीएम शिंदे के हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ेंगे मनोज जरांगे पाटिल

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा

मुंबई, 27 जनवरी 2024| महाराष्ट्र में चल रहा मराठा आरक्षण आंदोलन खत्म हो गया है. मनोज जरांगे पाटिल की ओर से शनिवार को विरोध-प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा के बाद मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं ने जश्न भी मनाया. सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं. मनोज जरांगे सुबह 8 बजे अपना अनशन तोड़ सकते हैं. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थित में मनोज जरांगे अपना अनशन तोड़ेंगे. अनशन तोड़ने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मनोज जरांगे ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर सकते हैं.

कैबिनेट मंत्री दीपक केसकर और मंगल प्रभात लोढ़ा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल मनोज जरांगे से देर रात मिलने के लिए पहुंचा था. मनोज जरांगे की सभी मांगों को लेकर अध्यादेश निकाला गया. अध्यादेश की कॉपी मनोज जरांगे को सौंपी गई. उनकी सभी मांगें पूरी की गई हैं. मांगों को लेकर जीआर निकालने की मांग की गई थी.

मनोज जरांगे पाटिल की क्या थी मांग?

मनोज जरांगे ने मांग रखी थी कि अंतरावली सहित महाराष्ट्र के सभी मामले जो दर्ज हैं, उसे वापस लिया जाए. उसका सरकारी आदेश का पत्र उन्हें दिखाया जाए. आरक्षण पर फैसला आने तक मराठा समुदाय के बच्चों के लिए शिक्षा फ्री की जाए. इसके साथ ही सरकारी भर्ती में मराठाओ के लिए रिजर्व कोटा रखा जाए. इसके अलावा जरांगे ने अपने एक बयान में आगे कहा कि अभिलेख (नोंदि) खोजने में हमें भी मदद करनी होगी. अभिलेख मिलने पर सभी संगे-संबंधियों को प्रमाण पत्र दिया जाए. सगे-संबंधियों को लेकर अध्यादेश निकाला जाए.

‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया’

वहीं सरकार की ओर से मांगों को मान लिए जाने के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है. हमारा विरोध अब खत्म हो गया है. हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है. हम उनका पत्र स्वीकार करेंगे. वो मुख्यमंत्री के हाथ से जूस पीकर अपना अनशन समाप्त करेंगे.

 

 

 

Share
पढ़ें   Chhattisgarh Weather: छत्तीसगढ़ के लोगों को मिलेगी अब गर्मी से राहत, मौसम विभाग ने दी यह खुशखबरी