आज चंपई सोरेन लेंगे झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ

झारखंड

ब्यूरो चीफ

रांची, 2 फ़रवरी 2024|लगभग 26 घंटे तक चले हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे के बाद आखिरकार झारखंड में नई सरकार को लेकर छाई धुंध छंट गई है। झारखंड के राज्यपाल ने झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के नेता चंपई सोरेन को राज्य का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। वह आज दिन 12 बजे शपथ लेंगे। उन्हें गुरुवार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे राजभवन बुलाकर मनोनयन पत्र सौंपा गया। चंपई सोरेन के साथ दो अन्य मंत्रियों के रूप में कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता के शपथ लेने की संभावना है। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में होगा। राज्यपाल ने नए मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए दस दिनों को समय दिया है। यहांआपको झारखंड की सियासी हलचल की सारी खबरें मिलेंगी।

सीएम चंपई सोरेन के साथ बसंत सोरेन बनेंगे डेप्युटी सीएम
झारखंड के मनोनीत सीएम चंपई सोरेन ने शपथ ग्रहण करने के पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) प्रमुख शिबू सोरेन से आशीर्वाद लेने पहुंचे। राजभवन में दोपहर 12.15 पर शपथ ग्रहण समारोह में सीएम चंपई सोरेन के साथ डेप्युटी सीएम के रूप में बसंत सोरेन और आलमगीर आलम भी शपथ लेंगे। बसंत सोरेन जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन के पुत्र और सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई है। वहीं आलमगीर आलम कांग्रेस विधायक हैं और हेमंत सोरेन सरकार में भी मंत्री रहे हैं। जबकि बसंत सोरेन दुमका के विधायक है। इसके अलावा आरजेडी कोटे से सत्यानंद भोक्ता को भी मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। इसके अंतिम समय में एक या दो अन्य का नाम भी जुड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सभी जेएमएम-कांग्रेस विधायकों को विशेष विमान से हैदराबाद शिफ्ट किया जाएगा। 5 फरवरी को बहुमत सिद्ध करने के दिन ही सभी विधायक एक साथ हैदराबाद से रांची पहुंचेंगे। इसके बाद 6 या 7 फरवरी को मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना है।

 

 

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चंपई सोरेन ने शपथ ग्रहण के पहले शिबू सोरेन से आशीर्वाद लिया
झारखंड के मनोनीत सीएम चंपई सोरेन ने शपथ ग्रहण के पहले जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन से आशीर्वाद लेने उनके आवास पर पहुंचे। बाद में पत्रकारों से बातचीत में चंपई सोरेन ने बताया कि गुरुजी (शिबू सोरेन) उनके आदर्श है। शपथ लेने के पहले वे गुरुजी और माता जी (रूपी सोरेन) से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन के नेतृत्व में उन्होंने अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में भाग लिया और लंबे समय तक संघर्ष किया। जनता के सपने को संवारने के लिए तीन दशक तक चले आंदोलन के बाद अलग राज्य बना, अब शिबू सोरेन के दिखाए रास्ते पर चलकर झारखंड का विकास करना है।

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