ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल, 29 फ़रवरी 2024|हिमाचल विधानसभा में बुधवार को जैसे-तैसे बजट पारित करवाने केसाथ ही सीएम सुक्खू ने फिलहाल अपनी सरकार बचा ली है। 40 विधायकों के बावजूद 25 विधायकों की भाजपा से राज्यसभा की सीट हारने के बाद सुक्खू सरकार पर अचानक संकट आ गया था। अब बजट पारित होने के साथ ही उन्हें राहत मिल गई है, क्योंकि अब जल्दी फ्लोर टेस्ट भी विधानसभा में नहीं हो पाएगा। विशेषज्ञ इसे कांग्रेस के आज के दिन का बेहतर प्रबंधन बता रहे हैं। हालांकि वे ये भी कह रहे हैं कि पिछले तीन दिन में राजधानी में जो कुछ हो रहा था, रसकार उसे समझ ही नहीं पाई। बुधवार को सोची-समझी रणनीति अपनाकर विपक्ष की अनुशासनहीनता को सरकार अपनी ढाल बना लिया और विपक्ष के 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया। यहीं से विपक्ष संख्याबल कायम करने में चूक गया। दूसरी तरफ कांग्रेस के बागी विधायक और निर्दलीय एमएलए भी बजट पारित करते समय सदन में नहीं आए। अपने विधायक दल में बगावत के कारण सरकार को बजट सत्र तय समय से एक दिन पहले ही स्थगित करना पड़ा। हिमाचल में लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने के बिल पर भी चर्चा नहीं हो पाई। अब सारा राजनीतिक घटनाक्रम विधानसभा से बाहर कांग्रेस हाईकमान के पाले में चला गया है।
राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस हाईकमान को भी झटका लगा है, इसीलिए पार्टी ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवाकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को शिमला भेजा है। पार्टी का मकसद सरकार को बचाना है। ऑब्जर्वर सभी कांग्रेस विधायकों से फीडबैक लेने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को अपनी रिपोर्ट देंगे। इसलिए सारा फोकस अब सिसिल होटल पर बन गया है। यहां राजीव शुक्ला और भूपेश बघेल पहले से ही डटे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार के लिए चिंता की बात यह है कि उनके छह विधायक अब भी भाजपा के साथ हैं। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट करने के बाद कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा, राजेंद्र सिंह राणा, इंद्रजीत लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा बुधवार को विधानसभा तो आए, लेकिन बजट पारित होने से पहले ही सस्पेंड किए गए भाजपा विधायकों के साथ बाहर चले गए। इन्हें हेलिकॉप्टर में चंडीगढ़ पहुंचाया गया। इनकी ओर से विधानसभा अध्यक्ष के पास चल रहे डिसक्वालिफिकेशन के केस में भाजपा नेता सत्यपाल जैन को चंडीगढ़ से एमर्जेंसी में बुलाया गया। बागी विधायकों ने कांग्रेस हाई कमान को साफ संदेश भेज दिया है कि वे कांग्रेस की ही सरकार चाहते हैं, लेकिन लीडरशिप में बदलाव हो।
सबकी सुनेंगे, कठोर फैसले भी करेंगे
हिमाचल में जारी सियायी संकट के बीच कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और संगठन ही सर्वोपरी है। अभी हमारी प्राथमिकता कांग्रेस सरकार को बचाना है। ऑपरेशन लोटस को नाकाम करने के लिए हम कड़े फैसले लेने से पीछे नहीं हटेंगे। क्रॉस वोटिंग को लेकर कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए एक साजिश रचाई गई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पर्यवेक्षकों को कहा है कि विधायकों से मिलकर उनकी शिकायतें सुनें और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपे। कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश में पांच साल के लिए जनादेश मिला है और हम उस कार्यकाल को पूरा करेंगे। प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को गिराना ही मोदी की गारंटी है।