ब्यूरो रिपोर्ट
जम्मू, 26 मार्च 24|लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच लद्दाख के लिए राज्य दर्जे, छठी शेडयूल की मांग पर पर्यावरणविद्ध सोनम वांगचुक का इक्कीस दिन का आमरण अनशन व करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस केडीए की तीन दिन की हड़ताल बुधवार शाम को समाप्त हो जाएगी। लद्दाख के मुद्दों को लेकर अब भावी रणनीति का ऐलान लेह व कारगिल जिलों में बुधवार दोपहर को होने वाली जनसभाओं में होगा। लद्दाख के मुद्दों को लेकर अभियान की कमान संभालने वाली लेह अपेक्स बाडी व कारगिल डेमोक्रटिक अलायंस ने बुधवार को लद्दाख के लोगों की राय लेकर आगे की कार्रवाई करने की तैयारी की है।
ये दोनों संगठन लद्दाख के मुद्दों को लेकर गृह मंत्रालय से 4 चरण में बैठक कर चुके हैं। लेह अपेक्स बाडी व केडीए ने चार मार्च को दिल्ली में वार्ता में उनकी मांगे न माने जाने के बाद लद्दाख में आंदोलन तेज करने की मुहिम छेड़ दी थी। अपने आमरण अनशन के अंतिम दिन सोनम वांगचुक ने पील की है कि सरकार को नीतियां बदलने के लिए मजबूर करने की ताकत रखने वाले लोग इस बार अपने वोट का सही इस्तेमाल करें। मंगलवार को जारी वीडियो में वांगचुक ने कहा है कि आमरण अनशन के इक्कीसवें दिन शून्य से दस डिग्री नीचे के तापमान में उनके साथ 350 लोग थे।
लेकिन अब तक सरकार की ओर से भी एक भी शब्द नहीं आया है। देश को निष्ठावान राजनेताओं की जरूरत है। हमे चरित्रहीन नेताओं की जरूरत नहीं है। ऐसे में उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गुहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) लद्दाख के लोगों की उम्मीदें पूरी कर अपने राजनेता होने का सबूत देंगे। वांगचुक ने कहा कि लोग सरकार को नीतियां बदलने के लिए मजबूर कर सकते हैं, वे सरकार को भी बदल सकते हैं। ऐसे में इस बार वे अपने वोट का सोच समझ कर इस्तेमाल करें
वहीं दूसरी ओर कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के नेतृत्व में मंगलवार को भूख हड़ताल के तीसरे दिन केंद्र सरकार के लद्दाख के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने का मुद्दा जोरशार से उठाया गया। कारगिल स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी पार्षद डा जफर अखून व अन्य काउंसिलर भी भूख हड़ताल पर बैठे। लद्दाख के लिए राज्य दर्जे के साथ संवैधानिक सुरक्षा जैसे मुद्दे जोरशोर से उठाए गए। कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के पदाधिकारी नासिर मुंशी ने जागरण को बताया केंद्र सरकार ने लोगों को धरने, प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने बताया कि हम लद्दाख के मुद्दों पर लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। अब बुधवार को लद्दाख के लेह व कारगिल जिलों में होने वाली रैलियों में इन मुद्दों पर होने वाली आंदोलन की रणनीति का खुलासा किया जाएगा।