प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 5 जून 2024
संस्कृति विभाग अंतर्गत संचालनालय पुरातत्त्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय अभिलेखागार सप्ताह (3 से 9 जून) मनाया जा रहा है। संचालनालय द्वारा इस अवसर पर महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय सिविल लाइंस रायपुर स्थित कला विथिका में छत्तीसगढ़ अंचल के लगभग 70 से 100 साल पुरानी ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी लगाई गई है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र और संचालक विवेक आचार्य ने सोमवार को फीता काटकर एवं दीप-प्रज्जवलन कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
अभिलेखागार के प्रभारी अधिकारी उप संचालक डॉ. प्रताप चंद पारख और सहायक ग्रंथपाल श्रीमती नीलिमा शर्मा ने प्रदर्शित अभिलेखों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी ए.एल पैकरा, प्रभात कुमार सिंह, डॉ. राजीव मिंज, प्रवीन तिर्की भी उपस्थित थे। यह प्रदर्शनी 9 जून तक दर्शकों के अवलोकनार्थ खुली रहेगी जिसका अवलोकन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक किया जा सकता है।
प्रदर्शनी में 1927 से 1954-55 तक के ऐतिहासिक अभिलेखों के चित्र प्रदर्शित हैं, जिसमें रायपुर नगर के बूढ़ा गार्डन को रिक्रियेशन पार्क और लारी म्यूनिसिपल स्कूल (आज का माधवराव सप्रे स्कूल) के खेल मैदान के विस्तार, लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि और गांधी जी के जन्मदिन पर अवकाश घोषित करने रायपुर नगरपालिका के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा पारित संकल्प, राजिम के सीताबाड़ी को संरक्षित स्मारक घोषित करने की अधिसूचना; छत्तीसगढ़ के 14 देशी राज्यों के एकीकरण, राजकुमार कॉलेज में स्वीमिंग पूल और टेनिस कोर्ट निर्माण के लिए रियासतों द्वारा दिये गए दान, माना में शरणार्थी कैंप शुरू करने और शरणार्थियों के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी मिलती है।
इसके साथ ही रायगढ़ जूट मिल के श्रमिक आंदोलन, छुईखदान में गोलीकांड की घटना, खम्हारडीह का नाम बदलकर शंकर नगर किये जाने, बस्तर दशहरा को पूर्व की भांति राज्य उत्सव के रूप में मनाये जाने के सरकार के निर्णय और भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए रशियन विशेषज्ञों के आगमन और रायपुर नगरपालिका परिषद के गठन के समय से लेकर वर्तमान तक समय-समय पर हुए वार्डों के पुनर्गठन सबंधी दस्तावेज भी इस प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण हैं।