प्रमोद मिश्रा
बिलासपुर, 04 सितंबर 2024
छत्तीसगढ़ में विधि की परीक्षा पास कर वकालत की शुरुआत करने वाले भावी वकीलों के लिए राहत भरी खबर है। बता दें कि अब स्टेट बार काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ ने पंजीयन शुल्क 17500 रुपए से घटाकर 750 रुपए कर दिया है। ऐसे में प्रदेश के विधि की पढ़ाई कर वकालत करने वाले 12 हजार छात्र-छात्राओं को अब एनरोलमेंट नंबर के लिए ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने होंगे।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि राज्य बार काउंसिलें अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में निर्धारित कानूनी शर्त से अधिक नामांकन शुल्क नहीं ले सकतीं। संक्षेप में, न्यायालय ने माना है कि सामान्य श्रेणी के अधिवक्ताओं के लिए कुल नामांकन शुल्क 750 रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिवक्ताओं के लिए यह 125 रुपए से अधिक नहीं हो सकता।
इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल द्वारा 1 सितंबर 2024 से नए अधिवक्ताओं के नामांकन की प्रक्रिया कर रही है। इससे पहले छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल (Chhattisgarh State Bar Council) सामान्य व ओबीसी वर्ग से 17500 और एससी-एसटी वर्ग से 16000 रुपए तक नामांकन शुल्क जमा कराती थी। वही स्टेट बार काउंसिल छत्तीसगढ़ की ओर से प्रदेश के सभी अधिवक्ता संघ के अध्यक्षों और सचिवों को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।
एससी-एसटी वर्ग के छात्रों को केवल 125 रुपए
छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुल्क में परिवर्तन किया है। ऐसे में अब एससी-एसटी वर्ग के छात्रों को नामांकन नंबर प्राप्त करने के लिए केवल 125 रुपए देने पड़ेंगे। इसमें 100 रुपए स्टेट बार काउंसिल छत्तीसगढ़ तो 25 रूपए बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नाम से चालान के माध्यम से देना है। इसी तरह सामान्य व ओबीसी के छात्रों को 600 रुपए स्टेट बार काउंसिल व 150 रुपए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Council Of India) के नाम से चालान जमा करना है।
शुल्क परिवर्तन से छात्रों के 20.10 करोड़ बचेंगे
बिलासपुर सहित प्रदेश में एलएलबी, बीए.एलएलबी, बी.कॉम एलएलबी और एलएलएम करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या 12 हजार से अधिक है। बिलासपुर जिले में पांच कॉलेजों में 1220 सीट है। जब विधि के छात्र ग्रेजुएट होते हैं और वकालत करना चाहते है तो उससे पहले उन्हें बिलासपुर हाईकोर्ट परिसर में स्थित स्टेट बार कौंसिल में पंजीयन कराना होता है। पहले 17500 रुपए के हिसाब से इन 12 हजार छात्रों से पंजीयन के नाम पर 21 करोड़ रूपए तक जमा होते थे। लेकिन अब शुल्क कम होने से बार काउंसिल के खाते में केवल 90 लाख रुपए ही जाएंगे। अब छात्र-छात्राओं को 20 करोड़ 10 लाख रुपए तक की बचत होगी।