स्पेशल डेस्क, रायपुर/ नई दिल्ली
छत्तीसगढ़ में निगम मंडल में नियुक्तियों की चर्चा के बीच लंबे समय से ख़ाली पड़े ऊर्जा विभाग से सम्बन्धित विद्युत मंडल के सर्वोच्च पद के लिए भी सुगबुगाहट होने लगी है। चूँकि ये विभाग राज्य के मुख्यमंत्री के पास है, ऐसे में विद्युत मंडल के इस पद को लेकर सियासी गलियारों में नियुक्ति को लेकर चर्चा तेज़ है।
विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में राज्य के तत्कालीन मुखिया के करीबी एक नॉन-आईएएस को इस पद पर बैठाया गया था, जिन्हें फिर जल्द ही गंभीर शिकायतों के चलते बीच में ही हटा दिया गया।
संगठन और सत्ता से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस सरकार में उपकृत वही व्यक्ति पुनः उक्त पद हेतु उच्चस्तर पर हर तरह से प्रयास में लगे हैं। ताकि इस सरकार में भी ये अहम पद उन्हें ही मिले, हालाँकि ऐसा होने पर संगठन में टकराव की आशंका भी बन रही है।
क्यों अतिमहत्वपूर्ण है ये ज़िम्मेदारी?
विद्युत संबंधी समस्याओं से प्रदेश के कृषकों और उद्योगों को बराबर दो-दो हाथ करना पड़ रहा है। जहां किसानी का बीता पूरा मौसम इन्ही समस्याओं के बीच कटा, वहीं उद्योगों में भी बिजली आपूर्ति में विघ्नों के चलते उत्पादकता बाधित हो रही है।
लेकिन फिर भी लंबे समय से सरकार इस पद पर नियुक्ति नहीं कर सकी है। वहीं छत्तीसगढ़ की भाजपा 2.0 सरकार लोगों की घुसपैठ से कैसे निपटेगी और विद्युत की बढ़ती समस्याओं को कैसे निपटायेगी यह देखनेवाली बात होगी।