भगवान बिरसा मुण्डा जयंती पर 14-15 नवंबर को राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन : आदिवासी महापुरुषों के योगदान और बलिदानों का होगा सम्मान; आदिवासी हितों के संरक्षण, सामाजिक-आर्थिक विकास और कला-संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु विविध कार्यक्रम

Bureaucracy Exclusive Latest छत्तीसगढ़ रायपुर

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 07 नवंबर 2024

भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 14 एवं 15 नवंबर को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में राज्य स्तरीय भव्य आयोजन किया जाएगा। विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्तों को सभी आवश्यक तैयारी करने निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में इस वर्ष जनजातीय गौरव दिवस को प्रदेश में व्यापक रूप से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

 

 

 

उल्लेखनीय है कि जनजातीय गौरव दिवस, आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान और बलिदानों को सम्मानित करने तथा आमजन एवं भावी नागरिकों को उनके बलिदान से प्रेरणा लेने के लिए मनाया जाता है। वर्ष 2021 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 15 नवंबर को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में इसे जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया था, तभी से प्रतिवर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

राज्य स्तर पर जनजातीय गौरव दिवस के व्यापक आयोजन के संबंध में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम आयोजन की आवश्यक तैयारियों के संबध में निर्देशित किया गया है। बोरा ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन 14 एवं 15 नवंबर को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में होगा। कार्यक्रम आदिम जाति विकास विभाग एवं आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के मुख्य निर्देशन में किया जायेगा।

पढ़ें   लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण के लिए 36.61 करोड़ रुपए मंजूर : उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद 18 कार्यों के लिए मिली प्रशासकीय स्वीकृति

बोरा ने बताया कि कार्यक्रम का थीम ’’सामाजिक, आर्थिक विकास, आजीविका एवं उद्यमिता, कला-संस्कृति एवं धरोहर, शिक्षा और कौशल विकास, स्वास्थ्य एवं जीवन शैली’’ है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों के हितों का संरक्षण एवं संवर्धन करना है। इसमें राज्य के 17 विभाग और 25 योजनाओं को शामिल किया गया है। इस आयोजन में राज्य स्तर पर संचालन समिति के लिए प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है एवं क्रियान्वयन समिति मुख्यालय स्तर पर आयुक्त, आदिम जाति विकास की अध्यक्षता में 17 सदस्यीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य राज्य है जनगणना 2011 के अनुसार कुल जनसंख्या का लगभग 30.62 प्रतिशत आदिवासी निवास करते हैं। इसके अलावा राज्य में 43 प्रमुख जनजातियां एवं 162 उप जातियां हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय महापुरूषों के कार्यों तथा बलिदान के गौरवपूर्ण स्मरण के साथ ही आदिवासियों के हितों का संरक्षण एवं इन्हें प्रोत्साहित करने का अवसर मिलेगा। इस हेतु जिला स्तर पर भी कार्यकम आयोजित किये जाएंगे एवं राज्य स्तर पर भी वृहद रूप से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *