दुर्गा प्रसाद तिवारी
मुंगेली, 11 नवंबर 2024
जिले में पहली बार छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को समर्पित जिला स्तरीय सुआ लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन श्रीराम प्रभात फेरी और हनुमान चालीसा पाठ समिति के तत्वावधान में आगर खेल परिसर में संपन्न हुआ। इस प्रतियोगिता में 58 टीमों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें से 50 टीमों ने प्रतिनिधित्व किया और अपनी कला का प्रदर्शन किया।
सुआ लोक नृत्य छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसमें महिलाएं और युवतियां एक बांस की टोकरी में धान रखकर, उसके ऊपर मिट्टी का तोता सजाती हैं और सुआ गीत गाकर नृत्य करती हैं। इस प्रकार के आयोजन से लोक संस्कृति को जानने और सीखने का अवसर मिलता है, जो परंपराओं की इस विरासत को जीवित रखने में सहायक है।
भारत में विविध परंपराएं आज भी जीवित हैं, और सुआ नृत्य इनमें से एक अनमोल परंपरा है जो छत्तीसगढ़ में विशेष महत्व रखती है। यह नृत्य महिलाओं के सामूहिकता और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है, जहां वे लोकगीतों के माध्यम से अपने भावों को व्यक्त करती हैं।
आयोजन समिति ने इस प्रतियोगिता को निशुल्क रखा, ताकि अधिक से अधिक लोगों को लोक नृत्य से जोड़ने का अवसर मिल सके। प्रतियोगिता के अंत में, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली टीमों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया।