प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 01 दिसंबर 2024
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि जो हाथ चूल्हा-चौका में कुशलता दिखाते हैं, वे तकनीक में भी निपुणता साबित कर सकते हैं। डबल इंजन की सरकार में महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि तकनीकी रूप से भी सशक्त हो रही हैं। छत्तीसगढ़ की ड्रोन दीदियों ने इस सोच को साकार किया है।
रायपुर जिले के ग्राम नगपुरा की चंद्रकली वर्मा की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम से प्रेरित होकर, चंद्रकली ने ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण लिया और कुशलता हासिल की। अब वे 10 मिनट में एक एकड़ खेत में कीटनाशक का छिड़काव करती हैं और प्रति एकड़ 300 रुपये कमा लेती हैं। उनकी कुशलता और मेहनत ने उन्हें गांव-गांव में पहचान दिलाई। उन्होंने अब तक 700 एकड़ खेतों में छिड़काव कर दो लाख रुपये की आय अर्जित की है।
नमो ड्रोन दीदी योजना का लाभ
नवंबर 2023 में प्रधानमंत्री ने “नमो ड्रोन दीदी योजना” शुरू की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत, महिलाओं को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग और उपकरण निःशुल्क दिए गए। चंद्रकली को ग्वालियर में 15 दिन का प्रशिक्षण दिया गया और एक ड्रोन व वाहन प्रदान किया गया। उत्तर प्रदेश के फूलपुर में प्रधानमंत्री ने उन्हें “नमो ड्रोन दीदी” की उपाधि दी।
बेटी को बना रहीं आईटी इंजीनियर
ड्रोन तकनीक से मिली आय ने चंद्रकली को अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का अवसर दिया। उनकी बेटी अब आईटी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। चंद्रकली का कहना है, “तकनीक ने मेरी जिंदगी बदली है। मैं अब अपने गांव और किसानों की मदद कर रही हूं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का धन्यवाद करती हूं और अन्य महिलाओं से आग्रह करती हूं कि वे इस तकनीक से जुड़ें और छत्तीसगढ़ को प्रगति की नई राह पर ले जाएं।”
चंद्रकली की कहानी यह साबित करती है कि सही दिशा और तकनीक के उपयोग से महिलाएं न केवल अपनी, बल्कि पूरे समाज की तस्वीर बदल सकती हैं।