बिलासपुर, 23 जनवरी 2025
बिलासपुर जिले के रतनपुर स्थित प्राचीन महामाया मंदिर परिसर की तस्वीर जल्द बदलने वाली है। इसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। इस परियोजना पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे मंदिर का पूरी तरह कायाकल्प होगा।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा परिसर
कॉरिडोर परियोजना के तहत श्रद्धालुओं के लिए भव्य प्रवेश द्वार, सुगम आवागमन, आधुनिक पेयजल, शौचालय, पार्किंग और पर्यटकों के ठहरने की सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही मंदिर परिसर का सुंदरीकरण और बेहतर प्रकाश व्यवस्था की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री तोखन साहू की अध्यक्षता में बैठक
परियोजना की योजना पर चर्चा केंद्रीय शहरी एवं आवास राज्य मंत्री तोखन साहू की अध्यक्षता में हुई बैठक में की गई। इस प्रोजेक्ट की निगरानी राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (NBCC) करेगा। यह परियोजना रतनपुर को धार्मिक पर्यटन के लिए नई पहचान दिलाने के साथ ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाएगी।
रतनपुर का ऐतिहासिक महत्व
रतनपुर नगर का इतिहास राजा रत्नदेव प्रथम से जुड़ा है, जिन्होंने इसे अपनी राजधानी बनाया था। महामाया मंदिर का प्राचीन वैभव और धार्मिक महत्त्व इसे देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बनाते हैं।
धार्मिक पर्यटन में छत्तीसगढ़ को मिलेगी नई पहचान
मां महामाया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ने कहा कि यह परियोजना छत्तीसगढ़ को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगी। यह आस्था का प्रतीक बनने के साथ राज्य के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में सहायक होगी।
आने वाले समय में लाखों श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ
हर वर्ष लाखों श्रद्धालु और पर्यटक महामाया मंदिर दर्शन के लिए पहुंचते हैं। कॉरिडोर बनने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी और छत्तीसगढ़ के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।