प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 27 जनवरी 2025
जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) ने तकनीक-आधारित स्टील निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए रायगढ़ प्लांट में “जेएसपी टेक-कैटलिस्ट 2025” का शुभारंभ किया। सोमवार से शुरू हुए इस दो दिवसीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्देश्य आधुनिक तकनीकों के जरिए स्टील निर्माण के भविष्य को आकार देना है। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक अग्रणी कंपनियों, 175 वैश्विक प्रतिनिधियों और 60 से अधिक विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में मैकिंजी, सैप, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, प्राइमेटल्स टेक्नोलॉजीज, मेटसो, रॉकवेल और एसएमएस ग्रुप जैसी दिग्गज कंपनियों ने भाग लिया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल ट्विन्स, आईओटी, रोबोटिक्स, एआर/वीआर और ब्लॉकचेन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित 25 लाइव प्रदर्शनी ने मुख्य आकर्षण का केंद्र बनाया। इसके साथ ही ग्रीन स्टील इनोवेशन, सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन और कार्यबल सशक्तिकरण जैसे विषयों पर विशेष सत्रों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन जेएसपी के चेयरमैन नवीन जिन्दल ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “स्टील उद्योग आज एक ऐसे मोड़ पर है, जहां आधुनिक तकनीक दक्षता बढ़ाने और चुनौतियों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। जेएसपी में हम एआई, आईओटी और डिजिटल ट्विन्स जैसी तकनीकों को अपने कामकाज में शामिल कर रहे हैं। ‘टेक-कैटलिस्ट 2025’ हमारे इंजीनियरों को इन तकनीकों को समझने और स्मार्ट एवं ग्रीन स्टील निर्माण में उनका उपयोग करने का अवसर देगा।”
कार्यक्रम की शुरुआत मैकिंजी के वरिष्ठ साझेदार रजत गुप्ता ने तकनीकी विकास पर प्रकाश डालते हुए की। इसके बाद विभिन्न सत्र आयोजित हुए:
1. “आयरनएज: स्टील निर्माण की नई पहल” – प्राइमेटल्स टेक्नोलॉजीज, एसएमएस ग्रुप और मेटसो के वक्ताओं ने भाग लिया।
2. “ग्रीनफोर्ज: सस्टेनेबल स्टील मेकिंग में इनोवेशन” – हाइड्रोजन और सीसीयूएस तकनीकों पर चर्चा हुई।
3. “वर्कफोर्सएक्स: भविष्य के स्टील निर्माताओं को सशक्त बनाना” – सैप, माइक्रोसॉफ्ट और डिटेक्ट टेक्नोलॉजीज के विशेषज्ञों ने विचार साझा किए।
“जेएसपी टेक-कैटलिस्ट 2025” को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इंडस्ट्री 4.0 तकनीकों और नवीनतम इनोवेशन के व्यावहारिक उपयोग पर जोर दिया जा सके।
जेएसपी की प्रतिबद्धता
जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) स्टील, खनन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अग्रणी उद्योग समूह है। 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ, यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दे रही है। कंपनी सस्टेनेबल प्रथाओं को अपनाते हुए कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।