मीडिया 24 डेस्क
धमतरी, 30 जनवरी 2025
धमतरी नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया है। भाजपा ने उनके निगम ठेकेदार और लाभार्थी होने को लेकर आपत्ति जताई थी, जिस पर रिटर्निंग ऑफिसर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद नामांकन रद्द कर दिया।
इस घटनाक्रम के बाद नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, जबकि भाजपा इसे अपनी रणनीतिक जीत के रूप में देख रही है।
चार जगह कांग्रेस की हार, भाजपा पार्षद निर्विरोध जीते
छत्तीसगढ़ में चार स्थानों पर पार्षद चुनाव से पहले ही भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं।
- बिलासपुर: वार्ड क्रमांक 13 में कांग्रेस प्रत्याशी श्याम पटेल का नामांकन जाति प्रमाणपत्र जमा न करने के कारण खारिज हो गया। इससे भाजपा प्रत्याशी रमेश पटेल निर्विरोध पार्षद बन गए।
- कटघोरा (कोरबा): वार्ड 13 में कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारा, जबकि वार्ड 18 में कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन वापस ले लिया। दोनों वार्डों में भाजपा जीत चुकी है।
- दुर्ग: वार्ड 21 में कांग्रेस प्रत्याशी मीरा सिंह ने नामांकन वापस लिया, जिससे भाजपा की विद्यावती सिंह निर्विरोध पार्षद बन गईं।
बिलासपुर: कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द, भाजपा में जश्न
बिलासपुर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 13 (दीनदयाल नगर) से भाजपा प्रत्याशी रमेश पटेल का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। कांग्रेस प्रत्याशी श्याम पटेल ने जाति प्रमाणपत्र नहीं दिया था, जिसके चलते उनका नामांकन रद्द हो गया।
इस मामले पर बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी के पास चुनाव लड़ने लायक कार्यकर्ता नहीं बचे हैं। वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ने कहा कि कांग्रेस की रणनीतिक कमजोरी उजागर हो रही है।
6 प्रत्याशियों का नामांकन रद्द, कांग्रेस में बागी उम्मीदवारों की संभावना
बुधवार को हुई स्क्रूटनी में 6 पार्षद प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त कर दिए गए। इसमें वार्ड 13 के श्याम पटेल और नर्मदा पटेल, वार्ड 51 के राजकुमार साहू, वार्ड 52 की अनिता पाटिल, वार्ड 55 की शबनम बेगम, और वार्ड 68 की मीनाक्षी पटेल शामिल हैं।
अब 31 जनवरी तक नामांकन वापसी की प्रक्रिया चलेगी, जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के बागी उम्मीदवार सामने आ सकते हैं।
वार्ड 13 में ‘सेटिंग’ की चर्चा
वार्ड 13 में कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन निरस्त होने के बाद भाजपा के साथ अंदरूनी सेटिंग की अटकलें तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने जानबूझकर जाति प्रमाणपत्र जमा न करवा कर प्रत्याशी को चुनाव से बाहर कर दिया। इस घटनाक्रम से कांग्रेस को गहरा नुकसान हुआ है और पार्टी की रणनीतिक विफलता भी उजागर हुई है।