मीडिया 24 डेस्क
दुर्ग, 03 फ़रवरी 2025
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के एक अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक हिंदू और एक मुस्लिम परिवार के बीच नवजात बच्चों के बदलने का आरोप लगाया जा रहा है। यह घटना 23 जनवरी 2024 को जिला अस्पताल के मदर चाइल्ड वार्ड में हुई, जब दोनों महिलाओं ने केवल सात मिनट के अंतराल में अपने-अपने बेटों को जन्म दिया।
मामले के अनुसार, शबाना कुरैशी ने दोपहर 1:25 बजे बेटे को जन्म दिया, जबकि साधना सिंह ने 1:32 बजे बेटे को जन्म दिया। अस्पताल में नवजातों की पहचान के लिए जन्म के समय उनके हाथ में मां के नाम का टैग पहनाया जाता है। हालांकि, अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही के कारण दोनों बच्चों का स्थान बदल गया।
डिस्चार्ज होने के बाद, शबाना ने अपने बच्चे को नहलाते समय देखा कि बच्चे के हाथ में लगा टैग “बेबी ऑफ साधना” लिखा हुआ था। इससे उसे शक हुआ कि बच्चा बदल गया है। इस संदर्भ में शबाना ने अपने परिवार को सूचित किया और तस्वीरों के मिलान से भी उसे अपने बच्चे की सही पहचान नहीं मिल पाई।
जब शबाना के परिजनों ने अस्पताल में शिकायत की, तो स्टाफ ने साधना से बच्चा बदलने की बात की, लेकिन साधना ने इसे नकारते हुए कहा कि वह अपने बच्चे से गहरा लगाव महसूस करती हैं और उसे किसी को नहीं देंगी।
इस घटना के बाद, मुस्लिम परिवार ने कलेक्टर से शिकायत की, जिसके परिणामस्वरूप कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने एक जांच समिति का गठन किया। जांच टीम ने अस्पताल के मदर चाइल्ड यूनिट का रिकॉर्ड खंगाला और जिम्मेदार स्टाफ से पूछताछ की, लेकिन मामला अब तक सुलझ नहीं पाया है।
इस बीच, अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू ने इस मामले की सूचना कोतवाली थाने में दी है। पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। यदि मामला हल नहीं होता, तो डीएनए टेस्ट कराने की बात की गई है।