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CG शराब घोटाला: 2000 करोड़ के शराब घोटाले में बड़ी राहत, पूर्व आबकारी सचिव एपी त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत, हर हफ्ते ED के सामने हाजिरी जरूरी!

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 07 मार्च 2025

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam) में आरोपी एपी त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। जमानत की शर्तों के तहत उन्हें अपना पासपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों के पास जमा करना होगा और हर सप्ताह जांच एजेंसी के समक्ष पेश होना होगा

 

गौरतलब है कि मई 2023 में ईडी ने पूर्व आबकारी विभाग के विशेष सचिव एपी त्रिपाठी को इस घोटाले में गिरफ्तार किया था।


क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?

इस घोटाले की शुरुआत 11 मई 2022 को हुई, जब दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में आयकर विभाग ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सौम्या चौरसिया के खिलाफ याचिका दायर की। इस याचिका में आरोप लगाया गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वतखोरी और अवैध दलाली के जरिए बेहिसाब काला धन कमाया जा रहा है।

इसमें महापौर ऐजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर का नाम भी सामने आया, जो इस अवैध वसूली नेटवर्क का मुख्य किरदार बताया गया। इसके बाद ईडी ने 18 नवंबर 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया

अब तक मामले में 2161 करोड़ के घोटाले की बात चार्जशीट में दर्ज की जा चुकी है।


कैसे हुआ 2161 करोड़ का घोटाला?

ईडी की चार्जशीट के अनुसार, 2017 में छत्तीसगढ़ सरकार ने आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL (Chhattisgarh State Marketing Corporation Limited) के जरिए शराब बेचने का प्रावधान किया। लेकिन 2019 के बाद अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया

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इसके बाद, अधिकारियों, व्यापारियों और राजनीतिक रसूखदार लोगों के सिंडिकेट के जरिए भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ

CSMCL के तत्कालीन MD अरुणपति त्रिपाठी:

  • मनपसंद डिस्टिलर की शराब को परमिट जारी करते थे।
  • देशी शराब की हर पेटी पर 75 रुपये कमीशन तय किया गया था।
  • यह कमीशन त्रिपाठी एक्सेल शीट के जरिए अनवर ढेबर को भेजते थे।
  • नकली होलोग्राम लगाकर शराब की अवैध बिक्री की गई, जिससे राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ।

शराब घोटाले का सिंडिकेट

CSMCL की दुकानों में सिर्फ तीन ग्रुप की शराब बेची जाती थी

  • केडिया ग्रुप – 52%
  • भाटिया ग्रुप – 30%
  • वेलकम ग्रुप – 18%

यह घोटाला राजनीतिक-प्रशासनिक गठजोड़ और कारोबारी सिंडिकेट के जरिए इतने बड़े पैमाने पर अंजाम दिया गया कि इसे छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा आर्थिक अपराध माना जा रहा है।

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