प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 28 मार्च 2025
नगर निगम की मेयर मीनल चौबे ने शुक्रवार को 1529 करोड़ 53 लाख 28 हजार रुपए का बजट पेश किया। उन्होंने इसे फायदे का बजट बताते हुए कहा कि इसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। बजट अभिभाषण के दौरान उन्होंने कहा, “बेटी अब बेबस नहीं, शहर की तकदीर गढ़ रही है।”
मेयर ने पिछले कार्यकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व में केवल सपने दिखाए गए, लेकिन जमीनी स्तर पर काम नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में बजट का बड़ा हिस्सा खर्च ही नहीं किया गया।
महिलाओं के लिए खास प्रावधान
इस बजट में महिलाओं की सुरक्षा, स्वावलंबन और रोजगार पर खास जोर दिया गया है—
- स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण और सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
- वेंडिंग जोन और बाजारों का विकास किया जाएगा।
- तृतीय लिंग समुदाय को चिन्हित कर उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
- कामकाजी महिलाओं के लिए तीन स्थानों पर वर्किंग वुमेंस हॉस्टल बनाए जाएंगे।
- महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थलों पर विमेन रेस्ट रूम बनाए जाएंगे, जिनमें सैनिटरी वेंडिंग मशीन और बेबी फीडिंग रूम होंगे।
- महिला सुरक्षा के लिए सर्विलेंस कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए 20 लाख का बजट निर्धारित किया गया है।
- जोन कार्यालयों में महिला टॉयलेट में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी, जिसके लिए 25 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
- महिला स्वावलंबन और रोजगार के लिए 10 करोड़ रुपए की गारमेंट फैक्टरी योजना लाई गई है, जिससे स्थानीय महिलाओं और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
बजट में 400 करोड़ की कटौती
इस बार के बजट में पिछले साल की तुलना में लगभग 400 करोड़ रुपए की कटौती की गई है।
पिछले तीन वित्तीय वर्षों में बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं हुआ:
- 2024-25 में 1901 करोड़ 31 लाख का बजट था, जिसमें से सिर्फ 819 करोड़ 19 लाख खर्च हुए।
- 2023-24 में 1608 करोड़ 74 लाख के बजट में से 889 करोड़ 66 लाख खर्च हुए।
- 2022-23 में 1475 करोड़ 15 लाख के बजट में से 980 करोड़ 58 लाख खर्च हुए।
मेयर मीनल चौबे ने अपने अभिभाषण की शुरुआत एक कविता से की—
“बेटी अब बेबस नहीं, कहानी नई लिख रही है,
हाथों में कलम लिए, शहर की तकदीर गढ़ रही है।”
—रायपुर नगर निगम, बजट 2025