नेशनल डेस्क
नई दिल्ली, 07 अप्रैल 2025
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से जुड़े एक फैसले ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में भूचाल ला दिया है। इस फैसले के चलते वैश्विक व्यापार को लेकर पैदा हुई आशंकाओं और अमेरिका में मंदी की संभावना ने दुनियाभर के निवेशकों का भरोसा तोड़ दिया। इसका असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी साफ दिखा, जहां सोमवार को भारी बिकवाली के बीच निवेशकों को तगड़ा झटका लगा।
10 सेकंड में डूबे 19 लाख करोड़
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर शुक्रवार 4 अप्रैल को सूचीबद्ध शेयरों का कुल बाजार पूंजीकरण 4,03,34,886.46 करोड़ रुपये था, जो सोमवार 7 अप्रैल को कारोबार शुरू होने के महज 10 सेकंड में घटकर 3,83,95,173.56 करोड़ रुपये रह गया। यानी निवेशकों के 19,39,712.90 करोड़ रुपये कुछ ही पलों में स्वाहा हो गए।
सेंसेक्स और निफ्टी की ऐतिहासिक गिरावट
सप्ताह की शुरुआत शेयर बाजार के लिए काले दिन के रूप में हुई। बीएसई का सेंसेक्स 3,914.75 अंकों की भारी गिरावट के साथ 71,449.94 पर खुला, जबकि निफ्टी 1,146.05 अंक टूटकर 21,758.40 के स्तर पर पहुंच गया। दोनों सूचकांकों में एक भी शेयर हरे निशान में नहीं रहा।
बिकवाली थमी नहीं, सुधार अस्थायी
हालांकि शुरुआती गिरावट के बाद थोड़ी देर के लिए बाजार में सुधार देखा गया और सेंसेक्स 1,700 अंक चढ़कर 73,149.12 तक पहुंच गया, लेकिन यह मजबूती टिक नहीं पाई। करीब 10.21 बजे सेंसेक्स 2,935.65 अंक टूटकर 72,429.04 पर और निफ्टी 994.90 अंक गिरकर 21,909.55 पर कारोबार कर रहा था।
निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के फैसले का असर आगे भी बाजार पर दिख सकता है। ऐसे में निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने और बड़े फैसले टालने की सलाह दी जा रही है।