भावना गुप्ता छत्तीसगढ़ कैडर की 2014 बैच की आईपीएस है। वे मूलतः पंजाब की रहने वाली है। आईआईटी से इंजीनियरिंग करने के बाद फर्स्ट अटेम्प्ट में यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बनी हैं। भावना गुप्ता पहले पश्चिम बंगाल कैडर में थी। फिर कैडर चेंज करवा कर छत्तीसगढ़ आईं हैं।
रायपुर, 20 अप्रैल 2025
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले की नई पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी अब IPS अफसर भावना गुप्ता संभालने वाली है । बलौदाबाजार में आगजनी कांड के बाद विजय अग्रवाल को जिले की कमान दी गई थी, विजय अग्रवाल अब दुर्ग की जिम्मेदारी संभालेंगे ।
भावना गुप्ता छत्तीसगढ़ कैडर की 2014 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं। वे मूलतः पंजाब की रहने वाली है। इंजीनियरिंग करने के बाद यूपीएससी क्रैक कर फर्स्ट अटेम्प्ट में आईपीएस बनी हैं। पूर्व में पश्चिम बंगाल कैडर की आईपीएस थीं। मैरिज ग्राउंड पर कैडर चेंज करवा कर छत्तीसगढ़ कैडर में भावना गुप्ता आईं है। पुलिसिंग के क्षेत्र में दी जाने वाली प्रतिष्ठित इंटरनेशनल आईएसीपी अवार्ड पाने वाली प्रदेश की तीसरी आईपीएस तथा पहली महिला आईपीएस हैं।
आइए जानते हैं उनके बारे में…
जन्म, शिक्षा और परिवार:–
छत्तीसगढ़ कैडर की 2014 बैच की आईपीएस भावना गुप्ता का जन्म 22 दिसंबर 1990 को पंजाब राज्य के भटिंडा में हुआ है। उनके पिता डॉक्टर पवन गुप्ता सर्जन और माता किरण गुप्ता गायकनोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) है। भावना गुप्ता अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। भावना की दसवीं तक की पढ़ाई सेंट जेवियर स्कूल भटिंडा में हुई। फिर 12वीं तक की पढ़ाई आरबीडीएवी पब्लिक स्कूल भटिंडा से हुई। मुंबई आईआईटी से मेटलर्जी ब्रांच में बीटेक की डिग्री भावना गुप्ता ने ली है। जिसके बाद में फ्लिपकार्ट कंपनी में बतौर एनालीसिस्ट भावना गुप्ता ने 3 माह काम किया था। उनका कैंपस सलेक्शन ऑयल कंपनी में भी हुआ था।
भावना गुप्ता बैडमिंटन की नेशनल प्लेयर हैं। बास्केटबॉल में भावना गुप्ता ने आईआईटी मुंबई की टीम का नेतृत्व किया था। वह बास्केटबॉल टीम की कैप्टन थी। यूपीएससी के फर्स्ट अटेम्प्ट में ही उन्होंने समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय लेकर 207 वीं रैंक के साथ परीक्षा क्रैक की और आईपीएस बनीं।
प्रोफेशनल कैरियर:–
भावना गुप्ता ने 22 दिसंबर 2014 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री पुलिस प्रशिक्षण अकादमी हैदराबाद में ट्रेनिंग के दौरान भावना गुप्ता नेशनल पुलिस अकादमी के बास्केटबॉल टीम के भी कप्तान रहीं। उन्होंने पुलिस खेलों में बैडमिंटन खेल कर कई राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हैं। 2014 बैच की बेस्ट ऑल राउंडर लेडी प्रोबेशनर भी भावना गुप्ता रहीं हैं। भावना गुप्ता ने एकेडमी ट्रेनिंग के दौरान फाउंडेशन कोर्स में भी गोल्ड मेडल पाया है। भावना गुप्ता को पहले पश्चिम बंगाल कैडर एलॉट हुआ। उनकी पहली पोस्टिंग हावड़ा में असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर के रूप में हुई थी। 6 साल तक भावना गुप्ता पश्चिम बंगाल कैडर में रहीं। फिर छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस राहुल देव से शादी होने के बाद उन्होंने मैरिज बेस पर कैडर चेंज करवा कर छत्तीसगढ़ कैडर चुन लिया। हालांकि इसके लिए भावना गुप्ता को काफी संघर्ष करना पड़ा। अपने अधिकार को पाने के लिए जुझारू भावना गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट तक के लड़ाई लड़ी और जीत हासिल करते हुए छत्तीसगढ़ कैडर आने में सफल रहीं।
छत्तीसगढ़ कैडर में भावना गुप्ता सूरजपुर, अंबिकापुर व बेमेतरा, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की पुलिस कप्तान रहीं और अब उनका स्थानांतरण बलौदाबाजार जिले में हुआ है ।
भावना गुप्ता को अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चिप्स ऑफ पुलिस ( आईएसीपी) ने भी अवार्ड प्रदान किया है। छत्तीसगढ़ में आईएसीपी अवार्ड पाने वाली तीसरी आईपीएस भावना गुप्ता हैं। उनसे पूर्व आरिफ शेख व संतोष सिंह को यह अवार्ड मिल चुका है। खास बात यह है कि आईएसीपी अवार्ड पाने वाली छत्तीसगढ़ की वह पहली महिला आईपीएस हैं।
आईएसीपी अवार्ड भावना गुप्ता को सूरजपुर, अंबिकापुर जिले में एसपी रहने के दौरान हमर लाड़ली, हमर मान चलाने के लिए मिला था। इस इनीशिएटिव प्रोग्राम के तहत आठवीं से लेकर 12वीं तक की छात्राओं व नारी निकेतन में रहने वाली महिला अपराधों से पीड़ित महिलाओं के लिए आवासीय ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाता था। ट्रेनिंग में महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के साथ ही उन में आत्मविश्वास पैदा किया जाता था। ट्रेनिंग में युवतियों व महिलाओं के हुनर को भी निखारा जाता था। अलग-अलग आयु वर्ग के लिए अलग-अलग प्रोग्राम सेट कर ट्रेनिंग दी जाती थी। सभी प्रोग्राम में महिला अपराधों के प्रति जागरूकता व महिला अधिकारों के प्रति जानकारी भी दी जाती थी। इस प्रोग्राम में 20 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया गया। खेलकूद में होनहार बालिकाओं की तलाश कर उनके हुनर को निखारा जाता था। ट्रेनिंग के माध्यम से राज्य को कई ऐसी महिला खिलाड़ी मिली जिन्होंने मलखंभ में राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीते।
स्वालंबन योजना के तहत टीसीएस जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जोड़कर अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी जाती थी। इस दौरान सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़कर छात्राओं से मिलवाया गया था। महिला अपराधों से पीड़ित होकर अपना आत्मविश्वास हो चुकी और समाज की मुख्य धारा से कट चुकी महिलाओं में आत्मविश्वास वापस लाने और समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए भावना गुप्ता ने “हिम्मतवाला”कार्यक्रम चलाया था। इन्हीं कार्यक्रमों के चलते भावना गुप्ता को आईएसीपी अवार्ड दिया गया था। हिम्मतवाला अभियान के लिए भावना गुप्ता की अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
बेमेतरा जिले के साजा थाना अंतर्गत हुए बिरनपुर हत्याकांड के बाद भावना गुप्ता को बेमेतरा का एसपी बना कर भेजा गया। भावना गुप्ता ने जिले में शांति कायम की और बिरनपुर गांव में पुलिस सहायता केंद्र खोला। वहां हुए चर्चित कंडरका हत्याकांड का भी खुलासा किया। ऑल इंडिया पुलिस चैंपियनशिप में भावना गुप्ता चारबाग गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। थर्ड फेज मिड कैरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम ( एमसीटीपी) में भी भावना गुप्ता ने देश भर के आईपीएस के बीच पहला स्थान पाया है।
जीवन साथी:–
भावना गुप्ता ने छत्तीसगढ़ कैडर के 2016 बैच के आईएएस राहुल देव से शादी की है। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के रहने वाले राहुल देव मुंगेली जिले के कलेक्टर हैं। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने प्रथम प्रयास में यूपीएससी क्रैक की है।