नेशनल डेस्क
जम्मू, 22 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। बैसरन घाटी के ऊपरी इलाकों में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें अब तक 26 पर्यटकों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन माना जाता है।
हमले के समय पर्यटक घुड़सवारी कर रहे थे, जब अचानक आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। अफरा-तफरी के माहौल में कई पर्यटक पहाड़ से गिर गए, जिससे घायलों की संख्या और बढ़ गई। घटना के बाद पूरे इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इस समय सऊदी अरब दौरे पर हैं, ने घटना की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत की और उन्हें सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। पीएम मोदी ने शाह से घटनास्थल का दौरा करने को भी कहा। अमित शाह तुरंत श्रीनगर पहुंचे और वहां आपात बैठक बुलाई, जिसमें गृह सचिव, आईबी, एनआईए और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी भी वर्चुअली बैठक में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए लिखा, “जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इस घिनौने हमले के पीछे जो भी है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।”
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को अमानवीय और तिरस्कृत करने योग्य बताया। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को निशाना बनाना एक शर्मनाक कृत्य है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी इस हमले की निंदा की और पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं जताईं।
बीजेपी नेता रविंदर रैना ने इसे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा किया गया कायरतापूर्ण हमला बताया, वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी निर्दोष नागरिकों पर किए गए इस हमले को निंदनीय कहा।
अमरनाथ यात्रा से पहले हुआ यह आतंकी हमला सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और पूरे क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।