प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 07 मई 2025
कोयला घोटाले की जांच कर रही राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल सहित तीन लोगों के खिलाफ बड़ी कानूनी कार्रवाई की है। ACB/EOW की स्पेशल कोर्ट ने अग्रवाल समेत तीनों आरोपियों के विरुद्ध बेमियादी और गैरजमानती वारंट जारी किया है। विधि विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय से फरार चल रहे आरोपियों के लिए अब अग्रिम जमानत जैसी राहत पाना मुश्किल होगा।
इस मामले की खास बात यह है कि चार्जशीट दाखिल होने से पहले ही कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया, जो कि छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान ACB के वकील सिद्धार्थ सिंह ठाकुर ने मुंबई बम धमाकों से जुड़े दाऊद इब्राहिम केस का हवाला दिया, जिसमें जांच के दौरान ही बेमियादी वारंट जारी हुआ था। अदालत ने उस नजीर को स्वीकारते हुए यह आदेश पारित किया।
क्या है कोल घोटाला?
यह मामला भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ कोल ट्रांसपोर्ट घोटाला है, जिसमें ईडी और ACB/EOW दोनों जांच कर रही हैं। आरोप है कि भूपेश सरकार के करीबी लोगों ने कोल परिवहन व्यवस्था को ऑनलाइन से ऑफलाइन कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। नियमों के विपरीत बिना गजट नोटिफिकेशन के केवल एक आदेश से परिवहन नियम बदले गए।
इस मामले में तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया, दो आईएएस अधिकारी समीर बिश्नोई व रानू साहू, और घोटाले का मुख्य सूत्रधार बताए जा रहे सूर्यकांत तिवारी समेत कई आरोपी जेल में हैं।
अब अगला कदम क्या?
EOW/ACB की इस कार्रवाई को कुर्की और उद्घोषणा की पूर्वपीठिका माना जा रहा है। कानूनी जानकारों के अनुसार, कोर्ट से वारंट जारी होना यह दर्शाता है कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की राहत मिलना कठिन होगा।
दर्ज धाराएं
ACB/EOW ने अपराध क्रमांक 3/2024 के तहत धारा 420, 467, 468, 471 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7A और 12 के तहत मामला दर्ज किया है।