मीडिया 24 डेस्क
दुर्ग, 07 मई 2025
युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति में प्रशासन और आमजन की तैयारियों को परखने के लिए मंगलवार शाम दुर्ग जिले में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की गई। शाम 7:30 बजे सायरन बजते ही पूरे शहर में ब्लैकआउट कर दिया गया। घरों, दुकानों और कार्यालयों की बिजली बंद कर दी गई, वहीं सड़क पर चल रहे वाहनों की हेडलाइट भी बुझा दी गईं। यह मॉक ड्रिल 15 मिनट तक चली और शाम 7:45 बजे ‘ऑल क्लियर’ सिग्नल के साथ समाप्त हुई।
सिविक सेंटर चौक, सेक्टर-9 चौक, ग्लोब चौक, 25 मिलियन चौक, इक्यूपमेंट चौक सहित शहर के प्रमुख क्षेत्रों में यह अभ्यास किया गया। वहीं भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) के टाउनशिप क्षेत्र में भी पूर्ण ब्लैकआउट किया गया।
इस दौरान नागरिकों को घरों में सुरक्षित स्थानों पर खड़े रहने, ज़मीन पर लेटने और दोनों कानों को हाथों से ढकने की सलाह दी गई थी। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और माइकिंग के माध्यम से लोगों को इस मॉक ड्रिल की जानकारी और सावधानियां दी गईं।
भिलाई इस्पात संयंत्र में जिला प्रशासन के निर्देश पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ और बीएसपी के विभिन्न विभागों ने संयुक्त रूप से आपदा प्रबंधन अभ्यास किया। संयंत्र के मानव संसाधन विकास विभाग, रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल और ब्लास्ट फर्नेस-7 के पास वेलफेयर बिल्डिंग में यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई। आपात स्थिति घोषित होते ही विभाग के महाप्रबंधक इंसीडेंट कंट्रोलर के रूप में मौके पर पहुंचे और सभी संबंधित एजेंसियों को स्थिति की जानकारी दी।
घायलों को सुरक्षित निकालने, प्राथमिक उपचार देने और एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाने की प्रक्रिया एनडीआरएफ, बीएसपी की फायर ब्रिगेड और अन्य एजेंसियों द्वारा तय प्रोटोकॉल के अनुसार की गई। इस दौरान पूरी प्रक्रिया की क्लोज मॉनिटरिंग भी की गई और खामियों को नोट किया गया ताकि भविष्य में बेहतर प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
रेल चौक, सूर्या मॉल जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी पुलिस प्रशासन के सहयोग से मॉक ड्रिल की गई। संयंत्र प्रबंधन ने बताया कि आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना इस अभ्यास का उद्देश्य था। सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और समय-समय पर ऐसे मॉक ड्रिल आयोजित किए जाते रहेंगे।
यह राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल जिलेभर में आयोजित की गई, जिसमें सेक्टर-1 और सेक्टर-9 हॉस्पिटल को छोड़कर पूरे इलाके में विद्युत आपूर्ति बंद रही। नागरिकों से जनरेटर, इन्वर्टर और टॉर्च जैसे उपकरणों का प्रयोग न करने की अपील की गई थी। मॉक ड्रिल की गोपनीय योजना के तहत वास्तविक आपदा जैसी स्थिति का प्रभावी आकलन किया गया।